ज्योति हत्याकांड: पुलिस को किसी करीबी पर ही हत्या का शक
शहर में हुए सनसनीखेज ज्योति हत्याकांड के 24 घंटे बाद भी न तो उसकी हत्या का स्पष्ट कारण पता चला है और न ही पुलिस हत्यारों के बारे में कोई सुराग लगा पायी है। सोमवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज्योति के शरीर पर चोटों के 14 निशान मिले हैं। उसके साथ दुष्कर्म या फिर लूट की कोई घटना साबित न होने से पुलिस को किसी नजदीकी पर हत्या करने का संदेह है। हालांकि मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण अधिकारी जल्दबाजी में कोई कदम उठाने से बच रहे हैं।
कानपुर [जासं]। शहर में हुए सनसनीखेज ज्योति हत्याकांड के 24 घंटे बाद भी न तो उसकी हत्या का स्पष्ट कारण पता चला है और न ही पुलिस हत्यारों के बारे में कोई सुराग लगा पायी है। सोमवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज्योति के शरीर पर चोटों के 14 निशान मिले हैं। उसके साथ दुष्कर्म या फिर लूट की कोई घटना साबित न होने से पुलिस को किसी नजदीकी पर हत्या करने का संदेह है। हालांकि मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण अधिकारी जल्दबाजी में कोई कदम उठाने से बच रहे हैं।
काकादेव थाना क्षेत्र के पांडुनगर निवासी व्यवसायी ओमप्रकाश श्याम दासानी की फ्लोर व गत्ता फैक्ट्री के अलावा स्वाति बिस्कुट के नाम से दादानगर में कारखाना है जहां पारले जी कंपनी के बिस्कुट बनते हैं। उनके बेटे पीयूष की सोलह माह पहले जबलपुर [मध्यप्रदेश] निवासी प्लास्टिक कारोबारी शंकरलाल नागदेव की बेटी ज्योति के साथ शादी हुई थी। रविवार देर रात पीयूष और ज्योति वीआईपी रोड स्थित एक रेस्टोरेंट से खाना खाकर निकले थे। पीयूष के अनुसार चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाली सड़क से रावतपुर की तरफ आ रहे थे तभी कुछ बाइक सवारों ने उनकी कार रोक ली। पीयूष के साथ मारपीट की और प8ी को अगवा कर ले गए। दो घंटे बाद पनकी रोड पर प8ी ज्योति का खून से सना शव उनकी ही हांडा एकॉर्ड गाड़ी में मिला। पुलिस ने रात में ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। सुबह पांच चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार ज्योति के शरीर पर चोटों के चौदह निशान मिले हैं। उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है साथ ही महंगा मोबाइल भी कार में पड़ा मिला है। ऐसे में पुलिस लूट की आशंका से इन्कार कर रही है।
किसी नजदीकी पर ही हत्या की आशंका
जिस कार में ज्योति का शव मिला उस पर कहीं भी एक्सीडेंट का निशान नहीं हैं। कार के अंदर तीन चाकू मिले हैं लेकिन उन पर भी खून का निशान नहीं मिला है। यही नहीं ज्योति के शरीर पर जो चोट के निशान हैं उनमें एक अंगुली पर भी है जिससे प्रतीत होता है कि उसने हत्यारों से बचाव के लिए संघर्ष किया था। ज्योति के ससुरालियों और परिजनों का कहना है कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है। कार लूटी नहीं गयी और ज्योति के साथ हत्या से पहले कुछ गलत नहीं हुआ। हत्या का समय और उसके बाद से चल रही पुलिस की पड़ताल में बार-बार किसी नजदीकी का ही हाथ होने की बात सामने आ रही है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो सर्विलांस की टीमें जांच कर रही हैं। जल्द ही हत्या का खुलासा हो जाएगा।
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