पीयूष की काल डिटेल में चौंकाने वाले तथ्य
कानपुर के बहुचर्चित ज्योति श्यामदसानी हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। ज्योति के पिता शंकर नागदेव ने पीयूष के मोबाइल की काल डिटेल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजकर पुलिस की धीमी चाल और पीयूष के परिवारीजन को आरोपी न बनाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने जा
कानपुर [जागरण संवाददाता]। कानपुर के ज्योति श्यामदसानी हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। ज्योति के पिता शंकर नागदेव ने पीयूष के मोबाइल की काल डिटेल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजकर पुलिस की धीमी चाल और पीयूष के परिवारीजन को आरोपी न बनाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने जांच में दखल देने का अनुरोध किया है। साथ ही ऐसा न होने पर केंद्र सरकार से मदद मांगने की बात लिखी है। पीयूष के मोबाइल की काल डिटेल में कई चौंकाने वाले तथ्य हैं।
फोन पर दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान ज्योति श्यामदसानी के पिता शंकर नागदेव ने बताया कि वह 12 अगस्त को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ गए थे। मुख्यमंत्री ने जांच में पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया था। शुरू में पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही थी लेकिन अब संदेह पैदा कर रही है। मुख्यमंत्री को पीयूष के मोबाइल की काल डिटेल सौंपी है। जिसमें 27 जुलाई की रात्रि 11:40 से लेकर 28 जुलाई सुबह नौ बजे तक की जानकारी है। इस अवधि में पीयूष की उसके चचेरे भाई कमलेश, बड़े भाई मुकेश, मां पूनम, पिता ओमप्रकाश, उनके पार्टनर राम, पीयूष के दोस्त सागर भाटिया, देवेश भाटिया, अभिनव पोद्दार, तथा पीयूष के चचेरे भाई ललित के साथ बात हुई है।
ओम प्रकाश के अनुसार 11:44 पर पीयूष ने अपनी मां को फोन किया जबकि 11:54 पर उसने ज्योति के मोबाइल पर फोन किया। पीयूष के पिता ओमप्रकाश ने 11:58 पर पीयूष को फोन किया। इससे साफ प्रतीत होता है कि पीयूष ने वारदात के बारे में अपनी मां को बताया जिसके बाद पिता ने उससे बात की थी। पीयूष ने वारदात को अंजाम दिया जबकि उसके परिजनों ने जानबूझकर घटना को छिपाने का प्रयास किया। यदि वे समय से पुलिस को बता देते तो उनकी बेटी की जान बच सकती थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यही नहीं पीयूष के परिवारीजन ने उन्हें रात में फोन करके कहा था कि पीयूष की हत्या हो गई है और ज्योति आइसीयू में है।
शुरू में पुलिस पीयूष के परिवारीजन को आरोपी बनाने की बात कर रही थी, लेकिन अब एक माह बीत गया है और बावजूद इसके पुलिस ने अभी तक पीयूष के परिवारीजन को आरोपी नहीं बनाया है। यदि उनकी शिकायतों पर अमल नहीं हुआ तो वह पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच की मांग करेंगे।