खून की बस एक बूंद बताएगी बीमारी का नाम
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ऐसी किट बनाने में सफलता पा ली है जिसपर मानव रक्त की एक बूंद पड़ते ही वह अपना रंग बदलने लगेगी। रक्त का यह बदलता रंग ही रक्त जनित बीमारी का नाम उजागर कर देगा। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि पीड़ित को रक्त की तमाम जांचों से मुक्ति और रोग के अनुरूप दवा व इलाज में
वाराणसी, [ओंकार उपाध्याय]। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ऐसी किट बनाने में सफलता पा ली है, जिस पर मानव रक्त की एक बूंद पड़ते ही वह अपना रंग बदलने लगेगी। रक्त का यह बदलता रंग ही रक्त जनित बीमारी का नाम उजागर कर देगा। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि पीड़ित को रक्त की तमाम जांचों से मुक्ति और रोग के अनुरूप दवा व इलाज में बेहद सहूलियत होगी। इस किट का लैब में सफल प्रयोग किया जा चुका है और अब यह किट परीक्षण के लिए मिशिगन (अमेरिका) में है।
पढ़ें: ब्लड टेस्ट से चल जाएगा फेफड़े के कैंसर का पता
पढ़ें रंगों की भाषा:
इस किट को बनाने वाले रसायन शास्त्र विभाग के प्रो. मायाशंकर सिंह कहते हैं कि खून के रंग की अपनी भाषा होती है। जरूरत तो इसे पढ़ने की है। इसे ध्यान में रखकर मालिक्यूल बनाने में सफलता मिली है जो खून के बदलते रंगों की मदद से किसी भी मर्ज के चेहरे पर पड़ा गुमनामी का पर्दा चाक कर देगा। ब्लड टेस्ट की तमाम क्लीनिकल पेंचीदिगियों से छुटकारा मिल जाएगा। प्रो. सिंह कहते हैं कि हार्स रैडिस परास्किडेज 'एंजाइम' के जरिए यह उपलब्धि हासिल हुई है।
अमेरिका में परीक्षण:
प्रो. सिंह कहते हैं कि रोगों को जानने के लिए तमाम तरह के उपकरण विकसित हैं। उनका यह शोध खून को केंद्र में रखकर किया गया है। यहां से निकला सिद्धांत मिशिगन डायग्नोस्टिक (अमेरिका) को भेजा गया है और वहां इसका परीक्षण भी चल रहा है। परिणाम उत्साहजनक मिले हैं। वर्ष 2014 के आखिर तक इस किट के बाजार में आ जाने की संभावना है।
तमाम जांचों से छुंट्टी संभव:
प्रो. सिंह कहते हैं कि केवल इतना ही नहीं, इसके माध्यम से शरीर की आंतरिक संरचना की गतिविधियों को भी जाना जा सकेगा। खून के जरिए एड्स, डायबिटीज, टाइफाइड, पीलिया, किडनी जैसे रोगों की जानकारी होती है। अभी इन सभी की जांच के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। इस किट से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर