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जुनैद हत्याकांड में नया खुलासा, बीफ नहीं सीट को लेकर ही हुआ था विवाद

जुनैद की हत्या सीट को लेकर हुए झगड़े में हुई थी। इस मामले में बीफ को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ था।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Mon, 10 Jul 2017 08:21 AM (IST)Updated: Mon, 10 Jul 2017 10:00 AM (IST)
जुनैद हत्याकांड में नया खुलासा, बीफ नहीं सीट को लेकर ही हुआ था विवाद
जुनैद हत्याकांड में नया खुलासा, बीफ नहीं सीट को लेकर ही हुआ था विवाद

 संजय मग्गू, पलवल। जुनैद हत्या मामले में गांव भमरौला निवासी नरेश की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हो गया कि विवाद बीफ के नाम पर नहीं बल्कि सीट को लेकर हुआ था। नरेॊश की गिरफ्तारी के बाद से गांव में तनाव के साथ-साथ मीडिया, राजनेताओं तथा पुलिस के प्रति गुस्सा भी है। ग्रामीणों का कहना था कि नेताओं ने सीट के झगड़े को सांप्रदायिकता से जोड़ दिया।

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ग्रामीणों व आरोपी के भाई सुरेश का कहना है कि पुलिस हिरासत में लिए गए विष्णु व जावेद को सामने क्यों नहीं ला रही है? उधर, आरोपी को अदालत में पेश करने से पहले राजकीय रेलवे पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने बताया कि शुरुआत पूछताछ में सामने आया है कि झगड़ा बीफ को लेकर नहीं, बल्कि सीट को लेकर था।

रविवार को गांव में एक सार्वजनिक स्थान पर जुटे गांव के लोगों ने बताया कि पहले दिन से ही राजनेताओं ने इसे सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया था। इसके चलते झगड़े में घायल हुआ नरेश न तो अपना उपचार करा पाया और न ही सच्चाई सामने आ पाई। नरेश के भाई सुरेश का कहना है कि दोनों भाई दिल्ली में शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन से ट्रेन में अलग-अलग बोगी में सवार हुए थे। जब वे पलवल पहुंचे तो उसने नरेश को मोबाइल फोन से संपर्क किया। नरेश ने उसे बताया कि वह असावटी स्टेशन पर उतरा है। रात को नौ बजे नरेश ने घर पहुंचकर बताया था कि तुगलकाबाद में समुदाय विशेष के तीन युवकों की एक बुजुर्ग से सीट को लेकर कहा सुनी हो रही थी, जिस पर उसका भी झगड़ा हो गया।

समुदाय विशेष के युवक फरीदाबाद में ट्रेन से उतरकर दूसरी बोगी में सवार हो गए तथा लोगों को बुला लिया। बल्लभगढ़ स्टेशन पर 10-12 युवक जो कि चाकू व लोहे की चेन लिए हुए थे, उसी बोगी में सवार हो गए व झगड़ा शुरू हो गया। सुरेश के अनुसार नरेश सीट के नीचे छुप गया लेकिन बोगी में सवार हुए लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। मारपीट में नरेश का सिर तीन जगह से फट गया, उसने मदद की गुहार लगाई। नरेश को जब ट्रेन में सवार मुसाफिरों का साथ मिला तो उसने उनसे ही चाकू छीन कर जुनैद व उसके भाई पर वार किया।

नरेश असावटी स्टेशन उतरा जहां से उसे बाइक सवार विष्णु व जावेद ने गांव जटौली छोड़ा। वहां से नरेश अपने एक दोस्त की बाइक पर गांव पहुंचा था। सुरेश ने जीआरपी के इस बयान, कि नरेश ने शिवाजी ब्रिज से चाकू खरीदा था को गलत बताया है। सुरेश का कहना है कि उसे दो दिन के लिए पुलिस ने अपनी हिरासत में रखा था, उस दौरान भी उसने पुलिस को यही बात बताई थी। सुरेश का कहना है कि जिस प्रकार से झगड़ा हुआ था, उसमें अगर जुनैद नहीं मरता तो नरेश की जान जानी थी।

स्वामी रामदेव के सानिध्य में भी रहा है नरेश

12वीं पास नरेश के परिजनों के अनुसार नरेश जुलाई 2016 से दिल्ली के कृषि संग्रहालय में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था। इससे पहले वह स्वामी रामदेव के सानिध्य में रहकर भी कार्य कर चुका है। 

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