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भूमि अधिग्रहण पर संयुक्त समिति की बैठक 29 को

भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सर्वसम्मति बनाने के लिए गठित संयुक्त समिति की पहली बैठक 29 मई को होगी। माना जा रहा है कि सबसे पहले सरकारी पक्ष सुना जाएगा। संभव है कि उन दलों से भी राय ली जाएगी जो फिलहाल संसद के किसी सदन में नहीं हैं। उन दलों

By manoj yadavEdited By: Published: Wed, 27 May 2015 09:39 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 09:42 PM (IST)
भूमि अधिग्रहण पर संयुक्त समिति की बैठक 29 को

नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सर्वसम्मति बनाने के लिए गठित संयुक्त समिति की पहली बैठक 29 मई को होगी। माना जा रहा है कि सबसे पहले सरकारी पक्ष सुना जाएगा। संभव है कि उन दलों से भी राय ली जाएगी जो फिलहाल संसद के किसी सदन में नहीं हैं। उन दलों को पत्र लिखकर सुझाव मांगे जा सकते हैं।

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भूमि अधिग्रहण पर विपक्ष का एक बड़ा वर्ग विरोध में है। लिहाजा बीच का रास्ता निकालने के लिए ही सरकार ने संयुक्त समिति का गठन किया था। इसे अपनी रिपोर्ट मानसून सत्र के पहले सप्ताह में देनी है।

सूत्रों का कहना है कि पहली बैठक 29 मई को होगी जिसमें सरकार से यह पूछा जाएगा कि अध्यादेश लाने की जरूरत क्यों हुई, किसानों के हितों को ध्यान में रखा गया है या नहीं आदि। सरकार की ओर से पूरा स्पष्टीकरण दिया जाएगा।

बताते हैं कि उसके बाद आठ जून तक का समय आम जनता के लिए है। उनसे सुझाव मांगे गए हैं। बताते हैं कि यह भी विचार किया जा रहा है कि वैसे दलों को भी इसमें शामिल कर विधेयक को व्यापक रूप दिया जाना चाहिए जो किसी सदन में नहीं हैं। जनता ने उन्हें चुनकर नहीं भेजा है लेकिन उनकी भी राय हो सकती है। संभवतः आठ जून के बाद ही समिति की दूसरी बैठक होगी।

गौरतलब है कि समिति का गठन ही इसलिए किया गया था ताकि राजनीतिक विवाद खत्म कर आगे की राह आसान बनाई जाए। मानसून सत्र में अगर विपक्ष अड़ा रहा और राज्यसभा में संख्या बल से विधेयक को खारिज किया जाता है तो सदन की संयुक्त बैठक कर उसे पारित कराने का रास्ता भी खुल जाएगा।


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