अदालत का ऐतिहासिक फैसला, तीन दिन में ही कर दिया बाल विवाह काे निरस्त
राजस्थान में अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाहों से दो दिन पहले एक अच्छी घटना हुई। बाल विवाह वाले दो बच्चों की पहल पर जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय ने दो बाल विवाह निरस्त कराए। ये बाल विवाह निरस्त करने की मांग खुद बच्चों ने उठाई और एक स्वयंसेवी संस्था
जयपुर। राजस्थान में अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाहों से दो दिन पहले एक अच्छी घटना हुई। बाल विवाह वाले दो बच्चों की पहल पर जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय ने दो बाल विवाह निरस्त कराए। ये बाल विवाह निरस्त करने की मांग खुद बच्चों ने उठाई और एक स्वयंसेवी संस्था ने बच्चों के सुसराल वालों की काउंसिलिंग कर उन्हें राजी किया और पारिवारिक न्यायालय ने इन बाल विवाहों को निरस्त कर दिया।
यह मामला 13 वर्ष की सुमन विश्नोई (परिवर्तित नाम) और 17 वर्ष के पवन विश्नोई (परिवर्तित नाम) का है। सुमन का बाल विवाह 2003 में 10 माह की उम्र में कर दिया गया था, जबकि पवन का विवाह 2004 में चार साल की उम्र में दो साल की लड़की से कर दिया गया था।
ये बच्चे एक स्वयंसेवी संस्था सारथी के संपर्क में आए। सारथी संस्था ने इन बच्चों के सुसराल वालों को राजी किया और 16 अप्रैल को मामला पारिवारिक न्यायालय में पहुंचा। न्यायालय ने तीन दिन में सुनवाई पूरी कर इन विवाहों को निरस्त कर दिया।
[साभार: नई दुनिया]
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