JNU प्रोफेसर ने कहा सच है कुछ और, देशविरोधी नारों के पीछे बताया IB का हाथ
जेएनयू की प्रोफेसर और मशहूर अर्थशास्त्री जयति घोष ने देशविरोधी नारेबाजी के पीछे खुफिया एजेंसी आइबी का हाथ बताया है।
नई दिल्ली। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर तथाकथित बुद्धिजीवियों की जबान फिसलने लगी है। जेएनयू कैंपस में देशविरोधी नारेबाजी के बाद जेएनयू में शिक्षकों का एक वर्ग अपने अपने ढंग से उस घटना की व्याख्या कर रहा है। एक शिक्षक को को कश्मीर पर भारत का दावा गैरवाजिब और गैरकानूनी नजर आता है। तो दूसरी तरफ जेएनयू की प्रोफेसर और मशहूर अर्थशास्त्री जयति घोष ने देशविरोधी नारेबाजी के पीछे खुफिया एजेंसी आइबी का हाथ बताया है। शनिवार को 'राजग सरकार की राष्ट्रविरोधी नीतियां' विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए घोष ने कहा कि जेएनयू की छवि खराब करने के लिए उच्च स्तर पर साजिश रची गई।
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अफजल गुरू की याद में आयोजित कार्यक्रम के दौरान तीन शख्स मुखौटा लगाए हुए थे। वे आइबी की ओर से आए थे और उन्होंने ही देशविरोधी नारे लगाए। हम लोगों को निशाना बनाया गया। हम लोगों को अपना बचाव करना चाहिए। घोष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश के विश्वविद्यालयों को निशाना बना रही है। वह ऐसे छात्रों से डरती है जो विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। वे हम सबको खत्म कर देना चाहते हैं।
मालूम हो कि छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत अन्य छात्रों की गिरफ्तारी के बाद कैंपस के अकादमिक ब्लॉक के सामने 'राष्ट्रवाद की सीख' नाम से एक श्रृंखला चलाई जा रही है। इसके तहत प्रतिदिन शिक्षक और विद्यार्थी लेक्चर दे रहे हैं।