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जेएनयू ने प्रोफेसर पर लगाया दो साल का बैन

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने यादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता के एक प्रोफेसर पर दो साल तक जेएनयू परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। उक्त प्रोफेसर के खिलाफ जेएनयू की एक छात्र ने अभद्रता का आरोप लगाया है। जेएनयू की एक छात्र ने जेंडर सेंसटाइजेशन अगेंस्ट सेक्सुअल हरास्मेंट समिति में

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2015 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2015 08:09 AM (IST)
जेएनयू ने प्रोफेसर पर लगाया दो साल का बैन

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने यादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता के एक प्रोफेसर पर दो साल तक जेएनयू परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। उक्त प्रोफेसर के खिलाफ जेएनयू की एक छात्र ने अभद्रता का आरोप लगाया है। जेएनयू की एक छात्र ने जेंडर सेंसटाइजेशन अगेंस्ट सेक्सुअल हरास्मेंट समिति में प्रो. कौशिक रॉय के खिलाफ शिकायत की थी।

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जेएनयू में नोटिस चस्पा कर दी गई है कि यादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कौशिक रॉय को दो साल तक विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश न दिया जाए। शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक गतिविधियों में भी शामिल नहीं किया जाए। प्रॉक्टर ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, निकायों और हास्टल प्रतिनिधियों को ई-मेल भेजा है।

सूत्रों के अनुसार जेएनयू की एक छात्र ने जेंडर सेंसटाइजेशन अगेंस्ट सेक्सुअल हरास्मेंट समिति (जीएसकैश) में प्रो. कौशिक रॉय के खिलाफ शिकायत की थी। समिति ने मामले की जांच की और प्रो. कौशिक रॉय के जेएनयू में प्रवेश पर प्रतिबंधित लगाने की सिफारिश की।

प्रॉक्टर डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि जीएसकैश की सिफारिश पर कार्रवाई की गई है। हमारी कोशिश है कि जेएनयू में किसी भी हाल में अनुशासन भंग न हो। इसके लिए जेएनयू के अंदर या बाहर के लोगों पर कार्रवाई करनी पड़ेगी तो की जाएगी। सर्कुलर सभी विभागों और प्रमुख लोगों को भेज दिया गया है।

वहीं, इतिहास के प्रोफेसर कौशिक रॉय ने पूरे मामले में अनभिज्ञता जताई है। उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता है कि ऐसा क्यों किया गया। जेएनयू में इससे पहले भी शिक्षकों और छात्रों पर छात्रओं के साथ अभद्रता के आरोप लगे हैं, जिस पर कड़ी कार्रवाई की गई है।

संभवत: जेएनयू से बाहर के किसी प्रोफेसर पर दो साल का प्रतिबंध लगाने का यह पहला मामला है। वहीं, कुछ महीने से छात्र संगठन जीएसकैश की आलोचना कर रहे थे, जीएसकैश ने अपने फैसले से आलोचनाओं पर विराम लगा दी है।

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