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झारखंड के माननीयों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी

चाईबासा स्थित सर्किट हाउस में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 'माननीयों' की बल्ले-बल्ले रही। मुख्यमंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के वेतन-भत्तों में वृद्धि सहित कुल 22 फैसले किए गए। बाजार समिति को किसानों से टैक्स की वसूली के नियम को समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया है।

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Wed, 13 May 2015 09:42 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2015 10:30 AM (IST)
झारखंड के माननीयों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी

चाईबासा, जागरण संवाददाता। चाईबासा स्थित सर्किट हाउस में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 'माननीयों' की बल्ले-बल्ले रही। मुख्यमंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के वेतन-भत्तों में वृद्धि सहित कुल 22 फैसले किए गए। बाजार समिति को किसानों से टैक्स की वसूली के नियम को समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया है। बैठक में कुल 282 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई।

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राज्यकर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 107 से बढ़ाकर 113 फीसद करने का फैसला किया गया। जिला परिषद, पंचायत व वार्ड सदस्यों के भत्ता का निर्धारण किया गया। वहीं चुनाव ड्यूटी में मौत होने पर कर्मचारी के परिजनों को मिलनेवाली मुआवजे की राशि बढ़ाई गई। शहरी निकाय, पंचायत चुनाव के दौरान मतदानकर्मी की मौत पर 10 लाख रुपये व आतंकी व तोडफ़ोड़ की घटनाओं में मौत पर 20 लाख रुपये के मुआवजे का निर्धारण किया गया। वहीं आपदा की स्थिति में मिलनेवाली मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 5 लाख से 25 लाख रुपये किया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास के अलावा कई मंत्री मौजूद थे।

सीएम का वेतन 40 हजार से बढ़कर 60 हजार

कैबिनेट सचिव एसके सत्पथी कृषि सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि मुख्यमंत्री के वेतन को चालीस हजार रुपये से बढ़ाकर साठ हजार रुपये किया गया है। दैनिक भत्ता, अनुरक्षण, क्षेत्रीय भत्ता सहित अन्य भत्तों को मिलाकर मुख्यमंत्री पर होनेवाले सालाना खर्च को 17 लाख 22 हजार से बढ़ाकर 24 लाख 60 हजार रुपये निर्धारित किया गया है। कैबिनेट मंत्री का वेतन 39 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। कैबिनेट मंत्री पर होनेवाले सालाना खर्च की सीमा को भी 15 लाख 30 हजार से 21 लाख 60 हजार रुपये किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष के वेतन में भी बढ़ोतरी करते हुए इसे 40 हजार से 55 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। विभिन्न भत्तों सहित कुल खर्च की सीमा भी सालाना 1 लाख 4 हजार 500 से 1 लाख 75 हजार रुपये किया गया है। विस उपाध्यक्ष का वेतन 33 हजार से 45 हजार किया गया है। विधायकों को वेतन मद में अब 20 हजार की जगह 30 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। सालाना खर्च भी 11 लाख 62 हजार से बढ़ाकर 21 लाख 64 हजार रुपये किया गया है। नेता विरोधी दल को वेतन के रूप में 39 हजार की जगह 50 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। वार्षिक खर्च सीमा 89 हजार 500 से 1 लाख 75 हजार रुपये की गई है।

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