दिल्ली के जीवन कुमार मित्तल भी बनना चाहते हैं राष्ट्रपति, भर दिया नामांकन पत्र
कुछ दिनों पहले एनडीए ने अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया। एनडीए ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को मैदान में उतारा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के जीवन कुमार मित्तल देश का राष्ट्रपति बनने का ख्वाब सालों से देख रहे हैं। उन्होंने नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है। हालांकि उन्होंने नामांकन पत्र के साथ जमानत राशि जमा नहीं कराई है। मित्तल ने 2012 में भी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की थी। लेकिन 2012 में प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति बने थे। राष्ट्रपति पद के लिए 17 जुलाई को मतदान होना है।
61 साल के जीवन कुमार मित्तल पिछले 40 सालों से पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज बनवाने का काम करते हैं। लेकिन अब वह अपनी नई पहचान भारत के राष्ट्रपति के रूप में बनाना चाहते हैं। कुछ दिनों पहले एनडीए ने अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया। एनडीए ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को मैदान में उतारा है। इधर जीवन कुमार मित्तल ने भी राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दर्ज करा दिया है।
हालांकि मोती नगर के मिलन सिनेमा के नजदीक ऑफिस चलाने वाले मित्तल साफ करते हैं, 'मैं राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ नहीं रहा, हिस्सा ले रहा हूं।' उनके ये शब्द जाहिर करते हैं कि वह किसी गलतफहमी का शिकार नहीं हैं। वह जानते हैं कि वह भारत के प्रथम व्यक्ति बनने की रेस में अव्वल नहीं आने वाले।
आखिर मित्तल राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में भाग क्यों ले रहे हैं? इस पर वह कहते हैं, 'सभी मुद्दों पर लगातार सरकारों के साथ मोहभंग होने की वजह से ही मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं। जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसा वह लोकप्रियता पाने के लिए कर रहे हैं, तो वह तपाक से कहते हैं, 'बिल्कुल नहीं।'
मित्तल बताते हैं, 'मैंने साल 2012 में भी राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन पत्र भरा था, लेकिन तब मेरा नामांकन रद हो गया था। दरअसल, नामांकन पत्र के साथ मतदाता पहचान पत्र और स्थानीय चुनाव आयोग द्वारा जारी एक पत्र भी जमा कराना होता है। पिछली बार मैं यह पत्र हासिल करने में असमर्थ रहा, जिसकी वजह से मेरा नामांकन रद हो गया। लेकिन इस बार मैंने सारे दस्तावेज नामांकन पत्र के साथ जमा कराएं हैं।'
जीवन कुमार मित्तल करते हैं कि वह बदलाव लाना चाहते हैं और अगर उन्हें राष्ट्रपति बनने का मौका मिला, तो वह जरूर ऐसा करके दिखाएंगे। साथ ही कहते हैं कि वह बड़ा सोचते हैं इसलिए कभी विधानसभा या लोकसभा के चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा।
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