लालू-नीतीश गठबंधन में विरोध की दरार
पटना, जागरण ब्यूरो। बिहार में उप चुनाव से पहले धुर विरोधी रहे राजद व जदयू में गठबंधन पर पार्टी के अंदर विरोधी सुर मुखर होने लगे। जदयू विधायक राजीव रंजन की मानें तो विधानसभा उप चुनाव, यानी 25 अगस्त के बाद इस गठबंधन का विरोध करने वाले लोग एकजुट होकर पार्टी पर दबाव बनाएंगे। उनका दावा है कि जदयू के ऐसे 65 विधा
पटना, जागरण ब्यूरो। बिहार में उप चुनाव से पहले धुर विरोधी रहे राजद व जदयू में गठबंधन पर पार्टी के अंदर विरोधी सुर मुखर होने लगे। जदयू विधायक राजीव रंजन की मानें तो विधानसभा उप चुनाव, यानी 25 अगस्त के बाद इस गठबंधन का विरोध करने वाले लोग एकजुट होकर पार्टी पर दबाव बनाएंगे। उनका दावा है कि जदयू के ऐसे 65 विधायक हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हम सिर्फ संगठन तक सीमित रहेंगे। सरकार को खतरा नहीं होने देंगे। हमारा मकसद उन लोगों की जेब से पार्टी को बाहर निकालना है, जो इसे अपनी बपौती समझ रहे हैं। अभी रणनीति के तहत ये विधायक चुप हैं। विधानसभा उप चुनाव के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। राजीव के अनुसार, राजद से जदयू का गठबंधन जंगल राज-2 की शुरुआत है। जंगल राज-1 को बिहार की जनता झेल चुकी है। इसी के खात्मे के लिए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद मिला था। नीतीश कुमार अब लालू प्रसाद के साथ हैं। यह बेमेल गठबंधन है। नीतीश विकास चाहते हैं, लालू विकास विरोधी हैं। नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं किया जा सकता। 1993 में उन्होंने कहा था कि मर जाएंगे, लेकिन लालू प्रसाद के साथ नहीं जाएंगे। 17 साल भाजपा के साथ रहने के बाद वे अब भाजपा के लिए यही बात कह रहे हैं। वे फिर भाजपा के साथ हो सकते हैं, लेकिन हम लोगों [जो जदयू के सच्चे सिपाही हैं] का परम कर्तव्य पार्टी को बचाए रखना है।