अब दिल्ली में भी होगा नीतीश का दावा, एमसीडी चुनाव पर होगी नजर
जदयू नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब दिल्ली पर दावा ठोकने का फैसला कर लिया है।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप को खुलेआम समर्थन करने वाले जदयू नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब दिल्ली पर दावा ठोकने का फैसला कर लिया है।
नीतीश कुमार दिल्ली में मृत पड़े पार्टी संगठन को रीलांच करने का फैसला किया है। नजर सिर्फ विधानसभा चुनाव पर नहीं बल्कि एमसीडी चुनाव पर भी रहेगी। जाहिर तौर पर जदयू की ओर से यह संकेत होगा कि उनकी दोस्ती अब बिना शर्त नहीं होगी।
शनिवार को नीतीश दिल्ली पहुंच रहे हैं। यहां वह कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। यह घोषणा ऐसे वक्त में होने जा रही है जब नोटबंदी के खिलाफ केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दोस्ती परवान पर है और नीतीश दूसरी तरफ खड़े हैं। पर दिल्ली में दावेदारी की तैयारी पहले से शुरू हो चुकी थी। कुछ महीने पहले जदयू के दिल्ली प्रभारी संजय झा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से जाकर दिल्ली में सीमांकन का सवाल उठाया था।
दरअसल जदयू बिहार और झारखंड की सीमा से निकलकर शक्ति के रूप में स्थापित होना चाहता है। गौरतलब है कि जदयू के पास नीतीश के रूप में एक राष्ट्रीय व्यक्तित्व वाला चेहरा तो है लेकिन संगठन सीमित है। अगले दो तीन वर्षो में भावी राजनीतिक गठबंधन के लिहाज से भी जदयू के लिए जरूरी है कि उसका आधार बढ़े।
दिल्ली सांकेतिक रूप से तो खास है ही, पार्टी को लगता है कि यहां तेजी से जड़ें जमाने के लिए माकूल जमीन है। भाजपा ने दो दिन पहले ही मनोज तिवारी को दिल्ली की कमान देकर जहां बिहार और उत्तर प्रदेश की पुरवैया आबादी पर ध्यान दिया है वहीं जदयू को लगता है कि नीतीश की अपील उन पुरवैयों को ज्यादा आकर्षित कर सकती है।
गौरतलब है कि संप्रग काल के वक्त बिहार को विशेष दर्जा की मांग पर नीतीश ने दिल्ली में विशाल रैली की थी। भारी समर्थन मिला था। नीतीश का चेहरा आगे रखकर पार्टी अल्पसंख्यकों को भी खींचने की कोशिश करेगी।
जाहिर है कि आप के लिए परेशानी बढ़ सकती है। पिछले चुनाव में यह वोट आप को गया था। दिल्ली में नीतीश का आकर्षण काम किया तो वोटों में बंटवारा तय है।
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