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मुख्‍यमंत्री रहते जयललि‍ता ने दायर किए मानहानि के 1 हजार केस

6 बार तमिलनाडु की सत्‍ता संभाल चुकी जयललि‍ता ने मुख्‍यमंत्री रहते मानहानि के मामले दायर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 10:45 PM (IST)
मुख्‍यमंत्री रहते जयललि‍ता ने दायर किए मानहानि के 1 हजार केस

तमिलनाडु। 6 बार तमिलनाडु की सत्ता संभाल चुकी जयललिता ने मुख्यमंत्री रहते मानहानि के मामले दायर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब तक जयललिता 1 हजार मुकदमे दायर कर चुकी हैं और यह मामले सामाजिक संगठनों, पत्रकारों और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ दर्ज हुए हैं।

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गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री से कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी रोकने की हद तक पहुंच चुका है और किसी व्यक्ति पर केवल इसलिए मानहानि का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता क्योंकि वो सरकार को भ्रष्ट या गलत बताता है। सर्वोच्च न्यायालय ने ब्यूरोक्रेट्स और लेजिस्लेटर्स के खिलाफ मानहानि के के मामले दर्ज करवाकर सरकार ने एक चिलिंग इफेक्ट पैदा कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि आलाचनाओं के लिए सहनशीलता होनी चाहिए, मानहानि के मामलों का उपयोग राजनीतिक हथियार के रूप में नहीं किया जा सकता। एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता ने आईपीसी की धारा 499 और 500 के अंतर्गत आने वाले मानहानि के मामलों को एक राजनीतिक हथियार के रूप उपयोग करते हुए कुल 1600 अपराधिक मानहानि के मामले दर्ज करवाए हैं।

इसे लेकर पूर्व समाजिक कार्यकर्ता केआर रामास्वामी ने कहा कि यह सत्ता का पूरी तरह से दुरुपयोग है। वो इस तरह से मानहानि के केस लगाती हैं और क्योंकि जुडिशियरी उनसे डरी हुई है, यह उनके प्रताड़ित करने के हथियार बन चुके हैं। बता दें कि रामास्वामी पर भी इस तरह के कुछ मामले दर्ज हैं।

रामास्वामी को जयललिता की नाराजगी का तब सामना करना पड़ा था जब उन्होंने पिछले साल आई बाढ़ में राज्य सरकार के राहत बचाव कार्य को लेकर सोशल मीडिया में कुछ संदेश भेजे थे। वो उन कुछ लोगों में शामिल हैं जिन्होंने एआईएडीएम के प्रमुख के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया है।

यह मामला जयललिता की पार्टी के मुखपत्र में उनका मजाक उड़ाते कार्टून को लेकर दायर किया गया है। एआईएडीएमके प्रमुख के शिकारों में ताजा नाम डीएमडीके नेता विजयकांत का है। विजयकांत और तमिलनाडु के पूर्व कांग्रेस प्रमुख ईवीकेएस ईलांगोवान के खिलाफ मानहानि के मामले दर्ज हुए हैं।

जयललिता द्वारा दायर 10 अजीब मानहानि के मामले

जून 2016- डीएमडीके प्रमुख विजयकांत के खिलाफ सरकार को भ्रष्ट बोलने पर मामला दर्ज हुआ।

जून 2016- डीएमडीके नेता एमके स्टालिन और पीएमके के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अंबुमणी रामदास के खिलाफ पिछले साल बाढ़ को लेकर दिए बयानों पर मामला दर्ज हुआ।

अप्रैल 2016- मशहूर पत्रिका जुनियर विकातन को चुनाव से पहले जयललिता का ऑडिट कर लेख छापने पर अदालत में घसीटा गया।

जनवरी 2016- मुख्यमंत्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया के अलावा तमिल सप्ताहिक धीना मलार पर मामला दर्ज करवाया। यह मामला पिछले साल बाढ़ के लिए जिम्मेदार चेम्बराम्बक तालाब की नौकरशाहों द्वारा ठीक से ना देखरेख करने को लेकर छपे लेख पर दर्ज हुआ।

2015- मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। स्वामी ने भी जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करवाया है।

अक्टूबर 2015- तमिल लोक गायक कोवन पर उनके गाने को लेकर मामला दर्ज हुआ था।

जुलाई 2015- रेडिफ डॉट कॉम को भी जयललिता के मानहानि के मुकाबले का सामना करना पड़ा था।

2013- जया ने कॉमेडियन सायरस ब्रोचा के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था।

2012- जया ने तमिल साप्ताहिक नाकीरान के खिलाफ इसलिए मामला दर्ज करवाया क्योंकि उसने एक आर्टीकल छापा था जिसमें जया को बीफ खाने वाली बताया गया था।

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