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जैश बना भारतीय एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द

पठानकोट, उड़ी और अब नगरोटा में जैश के आतंकियों ने भारतीय सेना के परिसर में हमला करने के लिए तीन अलग अलग नए तरीके का इस्तेमाल किया।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 30 Nov 2016 10:11 PM (IST)Updated: Thu, 01 Dec 2016 01:14 AM (IST)
जैश बना भारतीय एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पठानकोट हमले से ठीक पहले भारतीय खुफिया एजेंसियों ने यह जानकारी मुहैया कराई थी कि आने वाले दिनों में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद भारत के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन सकता है। पिछले एक वर्ष से नियंत्रण रेखा के करीबी सैन्य ठिकानों पर लगातार हो रहे हमलों ने खुफिया एजेंसियों की जानकारी को सही तो साबित किया है लेकिन जिस तैयारी के साथ जैश के आतंकी भारतीय सुरक्षा घेरे में खामियां निकाल रहे हैं उससे सरकार की हर एजेंसी सकते में है।

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पठानकोट, उड़ी और अब नगरोटा में जैश के आतंकियों ने भारतीय सेना के परिसर में हमला करने के लिए तीन अलग अलग नए तरीके का इस्तेमाल किया जो उनकी तैयारी व खतरनाक इरादे का खुलासा करता है। भारतीय गृह मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक नगरोटा हमले को लेकर हमारे पास जो शुरुआती सूचनाएं आई थी उसके मुताबिक इस बार लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का अनुमान था लेकिन अब यह पक्का है कि इस बार भी ये आतंकी जैश की उस टीम के हैं जिन्हें खास तौर पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए तैयार किया गया है।

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इस काम के लिए पाकिस्तान सेना व वहां की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने कई वर्ष पहले तैयारी की थी। जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर की अगुवाई में पाक-अफगान सीमा पर जैश के फियादीन लड़ाकों को विशेष प्रशिक्षण दे कर तैयार किया गया है। भारत पर हमला करने वाले ये आतंकी तालिबानी फियादीन लड़ाकों से इसलिए अलग हैं कि ये बेहद सुरक्षित माने जाने वाले सुरक्षा घेरे को तोड़ कर ज्यादा से ज्यादा जान माल को नुकसान पहुंचाते हैं।

सूत्रों के मुताबिक पठानकोट, उड़ी और नगरोटा में जैश के खूंखार इरादे व तैयारी इस बात से पता चलता है कि तीनों सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला था लेकिन आतंकियों के इरादे अलग अलग थे। पठानकोट पर उन्होंने भारतीय वायु सेना के जहाजों को नष्ट करने के उद्देश्य से हमला किया था तो उड़ी में उनका सीधा मकसद ज्यादा से ज्यादा सैन्यकर्मियों को मारना था जबकि नगरोटा हमले में उनके निशाने पर बड़े सैन्य अधिकारी थे। इस हमले में दो भारतीय मेजर शहीद हुए हैं। भारतीय अधिकारियों को शक है कि जैश के आतंकी जिस सटीक तरीके से सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने में सफल हो रहे हैं उससे लगता है कि उन्होंने इनके बारे में सूचना हासिल करने का भी नेटवर्क बना लिया है।

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जब से भारत व अमेरिका ने लश्कर ए तैय्यबा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकेल कसनी शुरु की है तभी से पाक सेना व आइएसआइ जैश पर दांव लगाना शुरु किया है। यही वजह है कि जैश के मुखिया अजहर पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की भारत की हर कोशिश को पाकिस्तान असफल बनाने में लगा रहता है। इसके लिए वह चीन का भी लगातार सहयोग ले रहा है। पठानकोट हमले में जैश की भूमिका के ठोस सबूत देने के बावजूद पाकिस्तान शुरु में उस पर कार्रवाई करने का दिखावा करता रहा लेकिन अब फिर से जैश मुखिया अजहर खुलेआम भारत विरोधी रैलियां कर रहा है।


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