बंगाल की जेलों में जल्द खुलेंगे स्कूल
कैदियों के बच्चों को शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए पश्चिम बंगाल सुधार विभाग ने जेल परिसर में स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। अलीपुर करेक्शनल होम राज्य का पहला सुधार गृह होगा जहां क्रेच, एक स्कूल और एक पुस्तकालय होगा। अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) अधीर शर्मा ने कहा, 'यह
कोलकाता। कैदियों के बच्चों को शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए पश्चिम बंगाल सुधार विभाग ने जेल परिसर में स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। अलीपुर करेक्शनल होम राज्य का पहला सुधार गृह होगा जहां क्रेच, एक स्कूल और एक पुस्तकालय होगा। अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) अधीर शर्मा ने कहा, 'यह पहली बार है जब हम ऐसी पहल करने जा रहे हैं और अलीपुर करेक्शनल होम पहला ऐसा स्थान होगा जहां एक क्रेच, एक स्कूल और एक पुस्तकालय बनाया जाएगा।'
विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के समग्र विकास के लिए कई कदम उठाने वाले एडीजी (जेल) शर्मा ने कहा कि कानून के मुताबिक महिला कैदियों के एक साल से लेकर 6 साल तक के बच्चों को उनकी मां के साथ जेल में रहने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक 6 साल के बाद इन बच्चों को या तो उनके पिता के पास या सरकार एवं विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा चलाए जाने वाले किसी स्कूल सह आवास में भेज दिया जाता है। सुधार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस समय 6 साल की उम्र के 25 बच्चे अपनी माताओं के साथ अलीपुर जेल में रह रहे हैं। इस पहल को 12 मई से शुरू किए जाने की संभावना है।
शर्मा ने बताया कि यह पहल इन 25 बच्चों के साथ शुरू की जाएगी। बाद में, दमदम केंद्रीय कारागार सहित अन्य जेलों में यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। दमदम जेल में इस समय 125 बच्चे अपनी माताओं के साथ रह रहे हैं। ये महिलाएं या तो दोषी हैं या फिर विचाराधीन कैदी हैं। अलीपुर जेल के सूत्रों के मुताबिक, जेल परिसर में एक स्टोर और एक कार्यालय को कक्षा और क्रेच के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। बच्चों को ड्रेस, बैग, किताब, कॉपी और पेंसिलें भी जेल में ही दी जाएंगी।
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