क्या कह गए अंसारी? रखी मुस्लिमों की बात या बिछाई सियासी बिसात
जाहिर तौर पर बतौर उपराष्ट्रपति अपने कार्यकाल के अंतिम दिन जो बयान दिया है उसने सरकार के लिए एक असहज स्थिति तो पैदा कर दी है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारत के निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की तरफ से देश के मुस्लिमों में असुरक्षा की भावना को लेकर दिया बयान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बेहद नागवार गुजरा है। अंसारी के बयान पर बोलते हुए भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि दुनिया में मुस्लिमों के लिए भारत से अच्छा देश नहीं हो सकता है और ना ही हिन्दू से अच्छा कोई दोस्त हो सकता है। शाहनवाज हुसैन निवर्तमान उपराष्ट्रपति के उस बयान का हवाला दे रहे थे जो हामिद अंसारी ने राज्यसभा टेलीविज़न को दिए इंटरव्यू में कहा था। उनसे पूछा गया था कि क्या हाल में भीड़ की तरफ से पीट-पीटकर मारने की घटना और गौरक्षकों की तरफ से की जा रही हिंसा ने देश के मुस्लिम समुदाय को भयभीत कर दिया है।
हामिद अंसारी ने राज्यसभा टेलीविजन से क्या कहा?
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, इसके जवाब में अंसारी ने कहा, 'हां, यह बिल्कुल सही आंकलन है। देश के सभी जगहों से यह मैं सुनता आया हूं। मैने ये बातें बेंगलुरू में सुनी है, ये बातें देश के अन्य हिस्से में भी सुनी है। सबसे ज्यादा इस तरह की घटना उत्तरी भारत में सुनी है। उनमें एक तरह से असुरक्षा की भावना है और वे भयभीत हैं। उनके स्वीकार्यता का माहौल खतरे में है।'
अंसारी के बयान पर राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं
हामिद अंसारी की यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आयी है जब असहनशीलता और कथित गौरक्षकों की गुंडागर्दी की घटनाएं सामने आई हैं और कुछ भगवा नेताओं की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बयान दिए गए हैं। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बयान पर शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर हामिद अंसारी जी को मुस्लिमों में बेचैनी और असुरक्षा की भावना दिखती है तो इस विषय को लेकर उन्होंने पहले ही अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे दिया। अब जब वह जा रहे हैं, तब इस तरीके का बयान दे रहे हैं। उनको पहले ही इस्तीफा देकर जनता के बीच मे जाना चाहिए। संजय राउत ने कहा कि अल्पसंख्यक मुस्लिम के लिए देश मे बहुसंख्यक हिंदुओं को गलत नजरिए से देखा जाता है। देश की पूरी मशीनरी मुस्लिमों की सुरक्षा में लगा दी गई है।
भाजपा ने कहा- भारत में हिन्दू-मुसलमान सभी सुरक्षित
भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया में भारत के नागरिकों से ज़्यादा कोई सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा, 'यहां कोई कुछ भी कह सकता हैं, कोई भी पत्थरबाजों का समर्थन कर सकता हैं, कोई भी अलगाववादियों का समर्थन कर सकता हैं। यहां आधी रात को आतंकियों के लिए कोर्ट खुल सकते हैं, इसलिए भारत में हिंदू और मुसलमान सभी सुरक्षित हैं। भारत जैसा देश नहीं मिलेगा। भारत जैसा अभिव्यक्ति की आजादी वाला देश नहीं मिलेगा। भारत में जो चाहे किसी को गाली दे दे। लेकिन भारत में रहना है तो कानून एक ही होगा। यह देश संविधान से चलता है।
भाजपा नेता साक्षी महाराज ने भी कहा कि वह हामिद अंसारी के बयान से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'भारत में जितने मुसलमान सुरक्षित हैं, दुनिया में कहीं भी नहीं हैं। देश में जबसे मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं, कोई भी साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ। जबसे योगी जी मुख्यमंत्री बने हैं यूपी में भी कोई दंगा नहीं हुआ है। हालांकि पत्थर फेंकने वाले, बम फेंकने वाले आतंकवादी सुरक्षित नहीं हैं। ये दुर्भाग्य की बात है कि वे (हामिद अंसारी) तीन साल तक मौज मारते रहे, जब कुर्सी से विदाई का समय आ गया, तो उन्हें मुसलमान असुरक्षित लगने लगा है, इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता है। मुझे लगता है कि वे किसी पार्टी की सदस्यता लेने वाले हैं, इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। ये देश संविधान से चलेगा न कि फतवों से और किसी के विचारों से चलेगा।
क्यों उठ रहा है हामिद अंसारी पर सवाल
राजनीतिक जानकार हामिद अंसारी के बयान को दूसरे नज़रिये से देखते हैं। दैनिक जागरण के एसोसिए एडिटर राजीव सचान का कहना है कि चूंकि उपराष्ट्रपति के रूप में 10 अगस्त को उनका अंतिम दिन था लिहाजा ये सवाल उठ उनके बयान की टाइमिंग को लेकर उठ रहा है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर अंसारी अपनी बात कहने के लिए बतौर उपराष्ट्रपति अपने आखिरी दिन का इंतजार नहीं करते। राजीव सचान ने आगे कहा कि हामिद अंसारी का यह बयान एक उपराष्ट्रपति की तरह नहीं बल्कि मुस्लिम नेता की तरह का है।
हामिद अंसारी के बयान पर गौर करे भाजपा
राजीव सचान ने कहा कि चूंकि हामिद अंसारी ने जिस तरह का बयान दिया है ऐसा पहली बार नहीं कहा गया है। इससे पहले भी अन्य लोगों की तरफ से दिया गया है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को बजाय हामिद अंसारी की आलोचना करने के उस विषय की पड़ताल करनी चाहिए कि आखिर क्या कारण है जिसके चलते ऐसा कहा जा रहा है। उस विषय की उन्हें खोज करनी चाहिए।
जाहिर तौर पर बतौर उपराष्ट्रपति अपने कार्यकाल के अंतिम दिन जो बयान दिया है उसने सरकार के लिए एक असहज स्थिति तो पैदा कर दी है। लेकिन, हामिद अंसारी के बयान की टाइमिंग के बाद उन पर लोग शक कर रहे हैं और ये सोच रहे हैं कि आखिर जाते जाते हामिद अंसारी ये क्या कह गए।