एक ही पारी में चार खिलाड़ियों ने की विकेटकीपिंग, एक तो संन्यास भी ले चुका था
25 जुलाई 1986 का वो दिन क्रिकेट इतिहास के सबसे दिलचस्प दिनों में दर्ज हो गया और B की चौकड़ी मशहूर हुई।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। क्रिकेट का मक्का कहा जाने वाला लॉर्ड्स (इंग्लैंड) का प्रतिष्ठित मैदान। आमने-सामने इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमें थीं। एक बेहद रोमांचक और अहम टेस्ट मैच की शुरुआत हुई। फिर मैदान पर वो नजारा दिखा जो क्रिकेट फैंस ने पहले कभी नहीं देखा था..और न आज तक देखा है। 25 जुलाई 1986 का वो दिन क्रिकेट इतिहास के सबसे दिलचस्प दिनों में दर्ज हो गया।
- कैसे हुई शुरुआत
ये सीरीज का पहला टेस्ट मैच था और लॉर्ड्स का मैदान खचाखच भरा हुआ था। मैच में जब इंग्लैंड की टीम गेंदबाजी करने उतरी तो उनके मुख्य विकेटकीपर ब्रूस फ्रेंच चोटिल हो गए और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा। इंग्लैंड के सामने संकट खड़ा हो गया था क्योंकि अब उनको एक अतिरिक्त विकेटकीपर की जरूरत थी।
- फिर ये आए विकेटकीपिंग करने
मुख्य विकेटकीपर की गैरमौजूदगी में इंग्लैंड के बल्लेबाज बिल एथी ने विकेटकीपिंग करने की जिम्मेदारी उठाई। इससे पहले बिल एथी ने कभी विकेटकीपिंग नहीं की थी। जब वो विकेटकीपिंग करने आए तो इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने अपनी रफ्तार कम रखने की कोशिश की लेकिन एक विकेटकीपर के तौर पर बिल का अनुभवहीन होना उनके खेल में दिखने लगा। दो ओवर के बाद उन्हें विकेटकीपिंग से हटा लिया गया।
- इसके बाद वो हुआ जो बेहद अजीब था
इंग्लैंड के लिए संकट और गहरा चुका था। मुख्य विकेटकीपर चोटिल हो चुका था, फिर जिसने भरपाई करने की हिम्मत जुटाई वो भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका और अब टीम में कोई आगे आने को तैयार नहीं दिख रहा था। इसी बीच मैदान पर बॉब टेलर आते नजर आए। बॉब टेलर 1984 में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके थे। उनकी उम्र 45 वर्ष थी और वो उस दिन मैदान में एक प्रायोजक कंपनी के पीआर एजेंट के तौर पर बस अपनी नौकरी कर रहे थे। बॉब ने जब इंग्लैंड को संकट में देखा तो वो अपना संन्यास भूल गए और मैदान पर विकेटकीपिंग करने उतर पड़े। उस समय नियम इतने सख्त नहीं थे और इसकी इजाजत भी दे दी गई। हैरानी तब हुई जब बॉब टेलर ने इतने सालों क्रिकेट से दूर रहने और अपनी ढलती उम्र के बावजूद शानदार विकेटकीपिंग की। उन्होंने दिन के अंत तक विकेटकीपिंग की और अगले दिन भी लंच तक जिम्मेदारी निभाई लेकिन लंच के बाद वो मैदान पर उतरने की स्थिति में नहीं थे।
- ..और फिर चौथा विकेटकीपर जिसने कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ही नहीं खेला
लंच के बाद जब इंग्लैंड मैदान पर उतरी तो उसके सामने अभी भी ये संकट था कि आखिर अब कौन विकेट के पीछे इंग्लिश तेज गेंदबाजों की गेंदें पकड़ेगा। फिर हुई इस पारी के चौथे हीरो की एंट्री। इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में हैंपशर और केंट क्लब से खेलने वाले विकेटकीपर बॉबी पार्क्स मैदान पर उतर गए और विकेट के पीछे जिम्मेदारी संभालने लगे। हैरानी इस बात की थी कि बॉबी पार्क्स ने कभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला था और उससे भी दिलचस्प बात ये है कि इस मैच में कुछ ओवर विकेटकीपिंग करने के बाद भी उन्हें कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज करने का मौका नहीं मिला। ये उनका पहला और आखिरी लम्हा था जो रिकॉर्ड बुक में दर्ज तक नहीं हुआ।
- आखिरकार लौटा मुख्य विकेटकीपर, 'B' की चौकड़ी मशहूर हुई
तीन दिनों तक इस टेस्ट में यही खेल चलता रहा और चौथे दिन आखिरकार मुख्य विकेटकीपर ब्रूस फिंच अपना इलाज कराने के बाद मैदान पर लौटे। यानी इस मैच में चार लोगों ने विकेटकीपिंग की। जिसमें एक टीम का मुख्य विकेटकीपर था (ब्रूस), दूसरा टीम में तो था लेकिन कभी विकेटकीपिंग नहीं की थी (बिल), तीसरा दो साल पहले संन्यास ले चुका था (बॉब) और चौथे ने कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ही नहीं खेला (बॉबी)। सभी के नाम की शुरुआत एक ही अक्षर से थी।
- एक ही गेंद, कोई कैच नहीं
इन चारों खिलाड़ियों ने जिस समय विकेटकीपिंग की उस पूरे समय के बीच एक ही गेंद से खेल हुआ था। यानी चारों विकेटकीपर गेंद बदलने तक मैदान पर अपनी-अपनी बारी पूरी कर चुके थे। दिलचस्प पहलु ये भी रहा कि इसी एक गेंद से इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड की पूरी पारी को समेटा था और इन सभी विकेटों के बीच इन चारों विकेटकीपर में से किसी के हाथ भी कोई कैच नहीं आया।