Move to Jagran APP

महज पांच घंटे के इस ऑपरेशन ने उड़ा दिए थे पाक आतंकियों के होश, बिछा दी थीं लाशें

हर किसी जवान की निगाहें सीधे अपने टार्गेट पर लगी थीं। मकसद था देखो और मारो। हुआ भी यही।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 04:04 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jan 2018 12:50 PM (IST)
महज पांच घंटे के इस ऑपरेशन ने उड़ा दिए थे पाक आतंकियों के होश, बिछा दी थीं लाशें
महज पांच घंटे के इस ऑपरेशन ने उड़ा दिए थे पाक आतंकियों के होश, बिछा दी थीं लाशें

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। रात के अंधेरे में खामोशी के साथ कदम-दर-कदम जवान आगे बढ़ रहे थे। पहाड़ों और जंगल के बीच उनकी आहट भी कोई भांप नहीं सकता था। हर किसी जवान की निगाहें सीधे अपने टार्गेट पर लगी थीं। मकसद था देखो और मारो। हुआ भी यही। जवान जब अपनी टार्गेट वाली जगह पर पहुंचे तो वहां पर उन्‍हें जो आतंकी दिखाई दिया उसको उन्‍होंने ढेर कर दिया। घुप्प अंधियारे के बीच चलती गोलियों और रॉकेट लॉन्‍चर की आवाजों ने इस खामोशी को चीर कर रख दिया था। इन आवाजों के बीच जो आवाज आ रही थी वह आतंकियों के मारे जाने की थी। कुछ देर के बाद आतंकियों के खेमे में हा-हा-कार मच जाता है। इस पूरे ऑपरेशन में कई आतंकी मारे जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ सभी भारतीय जवान तेजी के सा‍थ हैलीकॉप्‍टर पर सवार होकर वापस अपनी सीमा में सुरक्षित लौट जाते हैं। 

prime article banner

ये कहानी फिल्‍मी नहीं 

इस कहानी को सुनकर शायद आपको कुछ याद आ रहा हो। या मुमकिन है कि यह कहानी आपको फिल्‍मी लग रही हो। लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, ये कहानी फिल्‍मी नहीं बल्कि हकीकत है और ये हकीकत है भारतीय जवानों द्वारा पाकिस्‍तान में की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक की। भारत के सैन्‍य इतिहास में ऐसा गिनीचुनी बार हुआ है जब भारतीय सेना के जवानों ने सीमापार जाकर अपने दुश्‍मनों का खात्‍मा किया। उरी में सेना के कैंप पर हुए हमले के बाद जो नजारा बदला और भारतीय सेना ने इसका जिस तर्ज पर बदला लिया वह वास्‍तव में काबिले तारीफ था। पाकिस्‍तान और वहां बैठे आ‍तंकियों ने ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि भारतीय जवानों का एक छोटा सा दस्‍ता उनके लिए मौत बन सकता है। आपको याद दिला दें कि उरी हमले के वक्‍त सेना प्रमुख ने साफ कहा था कि जवानों की मौत का बदला जरूर लिया जाएगा, लेकिन इसके लिए समय और जगह भारत ही तय करेगा। सर्जिकल स्‍ट्राइक में यह सभी कुछ दिखाई दिया।

सर्जिकल स्‍ट्राइक के लिए चुने गए बेहतरीन जवान

इस सर्जिकल स्‍ट्राइक से पहले भारत ने इसको अंजाम देने के लिए अपने बेहतरीन जवानों को चुना। सीमापार जाकर दुश्‍मन को ढेर करने की बाकायदा प्रैक्टिस की गई। इसके बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन में जाने वाला हर जवान स्‍पेशलाइज्‍ड कमांडो फोर्स से ताल्‍लुक रखता था। ऑपरेशन के दौरान सभी जवानों के पास काफी मात्रा में असलाह था। सभी के सिर पर एक स्‍पेशल हैलमेट था जो उनकी हिफाजत के साथ-साथ वहां मौजूद चीजों को रिकॉर्ड भी कर रहा था। सभी जवान एक दूसरे से जुड़े होने के अलावा बेस कमांड से जुड़े हुए थे। कहा तो यहां तक गया था कि इस ऑपरेशन की सीधी निगरानी दिल्‍ली में हो रही थी। हर कोई चाहता था कि इस ऑपरेशन से जुड़ा हर जवान सकुशल वापस आ जाए। इस ऑपरेशन की जानकारी कुछ ही लोगों के पास थी। इस पूरी टीम के कमांडिंग ऑफिसर के मुताबिक इस ऑपरेशन में गए सभी जवानों का मकसद बेहद साफ था कि दुश्‍मन के इलाके में आतंकियों को ज्‍यादा से ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया जाए और उन्‍हें खत्‍म कर दिया जाए।

मिशन के लिए ली गई सैटेलाइट की मदद 

कमांडिंग ऑफिसर के अलावा इस टीम में शामिल दूसरे जवान का कहना था कि ऑपरेशन पर जाने वाले टीम के हर सदस्‍य को इस बात की जानकारी थी कि वह किस खतरनाक मिशन पर जा रहा है। हर कोई जानता था कि वह शायद वापस न आ सके। उनके खुद के लिए यह पल न भूलने वाला पल था। सभी जवानों के पास हाईली सॉफेस्टिकेटेड वैपसं थे। मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सैटेलाइट की मदद ली गई थी। आतंकियों की पॉजीशन जानने के लिए सैटेलाइट को ही माध्‍यम बनाया गया था। यह एक ऐसा ऑपरेशन था जिसने रातों-रात पाकिस्‍तान सरकार समेत वहां की आर्मी और वहां मौजूद आतंकी और उनके आकाओं की नींद उड़ाने का काम किया था। पाकिस्‍तान के लिए इस सर्जिकल स्‍ट्राइक को मानना और नकारना दोनों ही भारी पड़ रहा था। हालांकि पाकिस्‍तान ने इस तरह के ऑपरेशन को कभी नहीं माना लेकिन यह हकीकत है कि पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर में इस तरह की कार्रवाई हुई थी। इसकी पुष्टि खुद वहां के आम लोगों ने भी की थी, जो बाद में मीडिया में भी आई। इस सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद पाकिस्‍तान ने जहां सेना के साथ मिलकर आतंकी कैंपों की जगह बदल दी थी वहीं भारतीय जवानों के खौफ से आतंकी कांपने भी लगे थे।

उरी हमला 

आपको बता दें कि 18 सितंबर 2016 की सुबह करीब पांच बजे जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि सैन्य बलों की कार्रवाई में हमला करने वाले सभी चार आतंकी मारे गए थे। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था। फिदायीन हमले के बाद आतं‍कियों ने सोते हुए जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। इसके बाद ही सर्जिकल स्‍ट्राइक करने का मन बनाया गया था जिसे उरी हमले के 11 दिन बाद 29 सितंबर 2016 को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था।

आतंकियों के शिविर ध्वस्त 

इस सफल ऑपरेशन में जवानों ने आतंकियों के 7 शिविरों को ध्वस्त कर दिया था। साथ ही 38 आतंकियों को भी मार गिराया था। ऑपरेशन के बाद मीडिया के सामने आए डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने प्रेस कॉंफ्रेस में इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा है कि सीमा पार मौजूद ये सभी आतंकी भारत पर बड़े हमले का प्लान बना चुके थे। भारत ने पहले आतंकियों के ठिकानों की जानकारी इकट्ठा की और फिर इसको अंजाम दिया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों का डीएनए पाकिस्तान को भी सौंपा जाएगा। इस संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप भी मौजूद थे।

ऑपरेशन में शामिल जवानों को दिए गए पदक 

आपको यहां पर ये भी बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल सेना के स्पेशल फोर्सेस यूनिट के 4 पैरा और 9 पैरा के कमांडिंग अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक नवाजा गया था। इसके अलावा इस यूनिट में शामिल जवानों को कीर्ति चक्र, युद्ध सेवा मेडल भी दिया गया था। यह ऑपरेशन साढ़े 12 बजे रात में शुरु हुआ और सुबह साढे चार बजे तक चला था। इस दौरान अभियान में शामिल जवान नियंत्रण रेखा के उस पार करीब दो किलोमीटर तक रेंगेते हुए आतंकी ठिकानों तक पहुंचे थे और ये पूरा ऑपरेशन 2-3 किलोमीटर के इलाके में चलाया गया था। पिछले दिनों इसी सर्जिकल स्ट्रा्इक पर बनाई गई एक डॉक्यूमेंटरी को हिस्ट्री चैनल ने टीवी पर प्रसारित किया था। चैनल ने इसका नाम स्पेशल ऑपरेशन इंडिया: सर्जिकल स्ट्राइक दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.