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फिर किया खुद को साबित, आखिर कब तब इस भारतीय खिलाड़ी के साथ होगी नाइंसाफी?

2019 विश्व कप से पहले कई खिलाड़ी भारतीय टीम में एक मौका चाह रहे होंगे।

By Shivam AwasthiEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 10:03 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 10:02 AM (IST)
फिर किया खुद को साबित, आखिर कब तब इस भारतीय खिलाड़ी के साथ होगी नाइंसाफी?
फिर किया खुद को साबित, आखिर कब तब इस भारतीय खिलाड़ी के साथ होगी नाइंसाफी?

शिवम् अवस्थी, नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। आइसीसी विश्व कप 2019 के लिए सभी टीमों ने अभी से तैयारी करनी शुरू कर दी है। इन टीमों में टीम इंडिया का नाम भी शामिल है। कप्तान विराट कोहली ने एक दिन पहले ही ये बयान दिया है कि 2019 विश्व कप की तैयारियों को नजर में रखते हुए आए दिन टीम में नए बदलाव किए जा सकते हैं। साफ है कि नए प्रयोगों के जरिए टीम मैनेजमेंट उन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की खोज करना चाहता है जो विश्व कप में भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकें। इसी कड़ी में आज हम एक ऐसे खिलाड़ी के नाम को सामने रख रहे हैं जो इन दिनों दक्षिण अफ्रीका में धूम मचा रहा है, रणजी ट्रॉफी में वो पिछले दो सालों से सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज साबित हो रहे हैं, हालांकि अब भी वो खबरों में नहीं हैं।

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- द.अफ्रीकी पिच पर फिरकी का दम

हम यहां बात कर रहे हैं 28 वर्षीय भारतीय स्पिनर शाहबाज नदीम की। घरेलू क्रिकेट में झारखंड के लिए और आइपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलते हुए कई बार सुर्खियों में रहने वाला ये स्पिनर फिलहाल दक्षिण अफ्रीका में है। वो इंडिया-ए टीम का हिस्सा हैं जो इन दिनों द.अफ्रीका दौरे पर है। यहां दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले (प्रिटोरिया) में इंडिया-ए टीम को 235 रनों की करारी शिकस्त मिली लेकिन मैच की पहली पारी में शाहबाज नदीम ने 117 रन लुटाते हुए 4 विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर स्पिनर्स हमेशा से संघर्ष करते आए हैं और ऐसी स्थिति में मेजबान टीम के खिलाफ चार विकेट लेना इस खिलाड़ी को प्रतिभा को सामने रखता है। इसी पारी में भारत के युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने भी चार विकेट लिए।

- ये हैं हैरान करने वाले कुछ आंकड़े..क्या ये नाइंसाफी नहीं?

आपको बता दें कि नदीम ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लंबा संघर्ष किया है। उन्होंने झारखंड के लिए अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच 2004 में खेला था और पिछले 13 सालों से वो लगातार घरेलू क्रिकेट में अपना दम दिखा रहे हैं। पिछले दो रणजी सीजन में वो देश के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर साबित हुए हैं। पिछले रणजी सीजन में शाहबाज 10 मैचों में 56 विकेट लेकर टॉप पर रहे थे। इस दौरान नदीम को लगातार नजरअंदाज किया जाता रहा जबकि इसी बीच जयंत यादव, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल और परवेज रसूल जैसे स्पिनरों को टीम इंडिया में खेलने का मौका मिल गया। नदीम ने अब तक 85 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में 315 विकेट और 74 लिस्ट-ए क्रिकेट मैचों में 102 विकेट लिए हैं, हालांकि इसके बावजूद आज तक उन्हें राष्ट्रीय टीम से खेलने का मौका नहीं मिला है। नदीम 2011 से लगातार हर आइपीएल सीजन में भी खेलते नजर आए हैं और उन्होंने आइपीएल करियर के 55 मैचों में 37 विकेट लिए हैं।

- कड़ा है मुकाबला

बेशक विराट ने 2019 विश्व कप के लिए कई प्रयोग करने के संकेत दे डाले हैं लेकिन फिर भी नदीम का भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होना फिलहाल बेहद मुश्किल नजर आ रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है मौजूदा टीम इंडिया में स्पिनरों का अच्छा प्रदर्शन जो लगातार जारी है। नदीम एक बाएं हाथ के स्पिनर हैं, ऐसे में उनका मुकाबला दो ऐसे स्पिनर्स से है जो इस समय टीम इंडिया की सबसे मजबूत कड़ी नजर आ रहे हैं- रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव। ये दोनों ही बाएं हाथ के स्पिनर हैं। एक तरफ हैं रवींद्र जडेजा जो कि एक अनुभवी ऑलराउंडर हैं और हमेशा से विराट की रणनीति का हिस्सा रहे हैं जबकि दूसरी ओर इस समय वनडे की बेंच पर मौजूद हैं कुलदीप यादव जो कि एक चाइनामेन गेंदबाज हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के हर फॉर्मेट में उन्होंने लाजवाब आगाज किया है। विराट के कुछ बयानों को देखते हुए अभी से कयास लगाए जाने लगे हैं कि कुलदीप अगले विश्व कप में पक्का भारतीय टीम का हिस्सा होंगे क्योंकि कुलदीप की सबसे बड़ी खासियत है कि वो किसी भी प्रकार की पिच पर अपनी कलाई का कमाल दिखाने में सक्षम हैं।

- अभी विराट के सामने कई विकल्प

क्रिकेट एक्सपर्ट सुनील शर्मा कहते हैं, 'विराट के लिए ऑफ स्पिनर के तौर पर रविचंद्रन अश्विन वो नाम हैं जिन्हें हटाने के बारे में फिलहाल वो सोच भी नहीं सकते जबकि जडेजा और कुलदीप दोनों को ही वो टीम में लेने के इच्छुक नजर आ रहे हैं। ऐसे में अगर किसी अन्य स्पिनर को टीम में जगह बनानी है तो इन तीनों स्पिनर्स में किसी एक का प्रदर्शन लगातार खराब होना चाहिए जिसके आसार कम नजर आ रहे हैं। वहीं जब सीमित ओवर क्रिकेट में कप्तान के पास केदार जाधव और अक्षर पटेल जैसे विकल्प भी मौजूद हों तो इंडिया-ए टीम से किसी खिलाड़ी का मुख्य टीम में शामिल होना काफी दूर की बात नजर आती है। नदीम लगातार खुद को साबित करते रहे हैं और चयनकर्ताओं को उनको बहुत पहले ही मौका दे देना चाहिए था।' देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में स्थिति कैसी रहती है और क्या इंडिया-ए की तरफ से नदीम जैसी किसी प्रतिभा का प्रयोग करने का रास्ता खुलता है या नहीं।

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