हिमाचल चुनाव: नामांकन के बचे सिर्फ 4 दिन, अब भी टिकटों की पहेली में उलझे भाजपा-कांग्रेस
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का नोटिफिकेशन 16 अक्टूबर को जारी हो गया। इसी के साथ प्रत्याशियों का नामांकन भी शुरू हुआ। लेकिन भाजपा-कांग्रेस अब भी टिकटों के बंटवारे में उलझे हैं।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का नोटिफिकेशन दो दिन पहले 16 अक्टूबर को जारी हो गया। इसी के साथ प्रत्याशियों का नामांकन भी शुरू हुआ। नामांकन की अंतिम तारीख 23 अक्टूबर है और इस बीच 19 अक्टूबर को दिवाली की छुट्टी है, जबकि 22 अक्टूबर को रविवार है। इस तरह से नामांकन के लिए बुधवार 18, शुक्रवार 20, शनिवार 21 और सोमवार 23 तारीख ही बचे हैं। नामांकन के सिर्फ चार दिन बचे हैं और राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा दोनों ही टिकटों की पहली में अब भी उलझी हुई हैं।
दोनों दलों से मिल रही अंदरूनी खबरों के मुताबिक अधिकतर प्रत्याशी तय होने का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन अभी तक आधिकारिक सूची घोषित नहीं हो पाई है। टिकटों के घमासान के बीच भाजपा में कुछ स्थानों पर बगावत के स्वर भी उठने लगे हैं।
कांग्रेस में 20 सीटों पर फंसा पेंच
बताया जा रहा है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 68 में से करीब 48 सीटों पर प्रत्याशी तय कर लिए हैं। लेकिन 20 सीटों पर अब भी पेंच फंसा है और दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री वीरभद्र व अन्य नेता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले हैं। राज्य चुनाव कमेटी की भी दूसरी बार बैठक हुई है। इसके बाद केंद्रीय समिति ने नए सिरे से पैनल में आए नामों की छंटनी की।
शिमला-कुल्लू और कांगड़ा में फंसा कांग्रेस का पेंच
राज्य की राजधानी शिमला में भी पार्टी एक नाम पर सहमति नहीं बना पाई है। कुल्लू से चार सीटों में से एक भी जगह टिकट फाइनल नहीं है। सबसे बड़े कांगड़ा जिले में 15 सीटों में से 11 पर सहमति है। चंबा में चार पुराने चेहरे हैं, जबकि एक नया चेहरा होगा। बिलासपुर में चारों सीटों पर पुराने महारथी उतारे जाएंगे। सिरमौर में नाहन में नया चेहरा होगा। रेणुका, पच्छाद, शिलाई में पुराने नेता ही चुनाव लड़ेंगे। सोलन में तीन जगहों पर कोई बदलाव नहीं होगा। ऊना में तीन में से दो टिकटों पर विवाद है। किन्नौर और लाहुल में कोई विवाद नहीं है। मंडी में अनिल शर्मा के भाजपा में छिटकने से कैबिनेट मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर प्रत्याशी होंगी। कौल सिंह खुद द्रंग से चुनाव लड़ेंगे।
घर-घर जाकर प्रत्याशियों को टिकट दे रही भाजपा
भाजपा राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी है और पार्टी को पूरी उम्मीद है कि इस पहाड़ी राज्य को भी वह कांग्रेस से छीन लेगी। लेकिन उसकी ओर से प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं हुई है, पार्टी पदाधिकारी प्रत्याशियों के घर-घर गए और टिकट देकर आए। मंगलवार तक 58 सीटों के लिए भाजपा के टिकट बांटे जा चुके हैं। इसी कारण भाजपा उम्मीदवारों की ओर से नामांकन पत्र दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो गया है।
कुछ भाजपा नेताओं ने दाखिल किया नामांकन
मंडी जिले के धर्मपुर विधानसभा सीट से महेंद्र सिंह ठाकुर, नादौन से विजय अग्निहोत्री और जसवां परागपुर से विक्रम ठाकुर ने अधिकृत प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर दिया है। इन नेताओं को दो दिन पहले पार्टी की ओर से अधिकृत बी फार्म प्राप्त हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल के गुजरात में व्यस्त होने के कारण भाजपा प्रत्याशियों की सूची घोषित होने में विलंब हो रहा है। माना जा रहा है कि अगले दो दिनों में सूची जारी कर दी जाएगी।
इन 10 सीटों पर अटकी भाजपा की लिस्ट
भाजपा की ओर से 58 सीटों पर टिकट फाइनल हो चुके हैं। अब सिर्फ 10 सीटों पर नाम अटक गए हैं। जिन सीटों पर नाम घोषित नहीं हो पाए हैं, उनमें शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण, कसुम्पटी, किन्नौर, पालमपुर, धर्मशाला, डलहौजी, चंबा, गगरेट, कसौली विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे CM वीरभद्र!
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस बार दो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ठियोग के साथ सोलन जिले की अर्की सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार उन्होंने आलाकमान को भी अवगत करवा दिया है। अर्की से पिछला चुनाव संजय अवस्थी ने लड़ा था, लेकिन उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। 2007 में प्रकाश करड़ की भी हार हुई थी।