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रामलला की धरती पर बना दीपों का रिकॉर्ड, गिनीज बुक से मिलेगा प्रमाणपत्र

भगवान राम की नगरी अयोध्या ने दीपावली की पूर्व संध्या पर एक लाख 87 हजार 213 दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। गिनिज बुक से जल्द ही इसका प्रमाणपत्र भी मिल जाएगा।

By Digpal SinghEdited By: Published: Sat, 21 Oct 2017 11:41 AM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2017 11:48 AM (IST)
रामलला की धरती पर बना दीपों का रिकॉर्ड, गिनीज बुक से मिलेगा प्रमाणपत्र
रामलला की धरती पर बना दीपों का रिकॉर्ड, गिनीज बुक से मिलेगा प्रमाणपत्र

मुकेश पांडेय, अयोध्या। रामनगरी अयोध्या ने दीपावली की पूर्व संध्या पर एक लाख 87 हजार 213 दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बना दिया। इसी के साथ डेरा सच्चा सौदा का पिछला रिकॉर्ड टूट गया, जो एक लाख 50 हजार नौ दीपों का था। हालांकि अभी इस रिकॉर्ड के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने में एक सप्ताह लगेगा। गुरुवार को लंदन स्थित मुख्यालय पर साक्ष्यों के साथ आवेदन कर दिया गया।

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‘लार्जेस्ट डिस्पले ऑफ ऑयल लैंप’ का विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय एवं जिला प्रशासन ने साझेदार के रूप में अयोध्या के सरयू तट को चुना। यहां 18 अक्टूबर की शाम एक साथ मिट्टी के दीये जलाने का सफल प्रयास किया गया। इस मामले में गुजरात की इवेंट कंपनी ‘इमैजिनेशन डिजाइन’ की सहायता ली गई।

विश्व रिकॉर्ड की पहल का संयोजन कर रहे निश्चल बारोट ने बताया कि अयोध्या के सात घाटों पर प्रज्ज्वलित दीपों में 1,87,213 निर्धारित समय सीमा पांच मिनट से अधिक देर तक जलते रहे। इसका ड्रोन कैमरों से 20 मिनट तक हवाई सर्वे किया गया। वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की गई। इसके साथ ही अयोध्या से दो प्रत्यक्षदर्शियों गिरीशपति त्रिपाठी व श्रीनिवास पोद्दार का शपथपत्र लिया गया। इन साक्ष्यों को गिनीज बुक के मुख्यालय में दाखिल कर दिया गया है। एक सप्ताह में इसे वर्ल्ज रिकॉर्ड के रूप में दर्ज कर लिया जाएगा।


घाट वार जले दीपों का ब्योरा
घाट एक 37070
घाट दो 21983
घाट तीन 29789
घाट चार 42138
घाट पांच 19654
घाट छह 18723
घाट सात 17856
कुल दीये 187213

गुजरात के अहमदाबाद निवासी निश्चल बारोट के संयोजन का यह दसवां विश्व रिकॉर्ड रहा। इससे पहले 30 जून, 2017 को गुजरात प्रांत के अरावली जिले के मोडास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर उन्होंने 1240 वर्ग फिट के लिफाफे का मोजेक बनाकर इतिहास रचा था। इसके पूर्व मणिपुर सरकार ने महज आठ घंटे में 3911 मरीजों के कान में हियरिंग मशीन लगाकर विश्व कीर्तिमान बनाया तो डेढ़ सौ डॉक्टरों के दल का मार्ग दर्शन बारोट ही कर रहे थे।


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