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इच्छाशक्ति के सहारे आप बड़े-बड़े काम कर सकते हैं, लेकिन...

अमेरिकी शोधकर्ताओं के अध्ययन में सामने आया है कि सिर्फ कुछ करने की इच्छा से कार्य सिद्ध नहीं होता, उसके लिए खुद पर भरोसा और स्वयं पर नियंत्रण अनिवार्य है...

By Digpal SinghEdited By: Published: Tue, 23 Jan 2018 01:08 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 01:29 PM (IST)
इच्छाशक्ति के सहारे आप बड़े-बड़े काम कर सकते हैं, लेकिन...
इच्छाशक्ति के सहारे आप बड़े-बड़े काम कर सकते हैं, लेकिन...

नई दिल्ली, [नेशनल डेस्क]। इंसान जो चाहे वो कर सकता है। जिस चीज की इच्छा रखे, उसे पा सकता है। बस जरूरत है तो इच्छाशक्ति की। हम इस वाक्य को सच मानकर किसी काम की शुरुआत करते हैं। कई बार सफलता मिलती है तो कई बार असफलता हाथ लगती है। दरअसल, उपरोक्त वाक्य अपूर्ण है। अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि केवल इच्छाशक्ति के बल पर ही किसी लक्ष्य को भेदा नहीं जा सकता। किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए जरूरी है उस इच्छाशक्ति को नियंत्रित करने वाली ताकत की। यानी व्यक्ति के आत्मनियंत्रण की। यदि व्यक्ति को इतना आत्मविश्वास हो कि किसी कार्य को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त आत्मनियंत्रण है, तो ही वह किसी भी कार्य को सिद्ध कर सकता है। जो चाहे, उसे पा सकता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि लोहे जैसी इच्छाशक्ति इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति इस बात पर भरोसा करे कि उसके पास काम को करने की असीमित ऊर्जा और आत्मनियंत्रण है।

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस के क्रिस्टोफर नेपोलिटानो के मुताबिक, सबसे ज्यादा मायने यह रखता है कि हम अपनी इच्छाशक्ति के बारे में क्या सोचते हैं। जब हम अपनी इच्छाशक्ति को सीमित मान लेते हैं तो हमारे साथ वही होता है, जैसा मांसपेशियों के थकने पर होता है। उन्हें आराम की जरूरत होती है। जब हम मान लें कि हमारे पास स्रोत सीमित हैं, तो हम उसी तरह काम करने लगते हैं। स्वयं को थका हुआ महसूस करते हैं और मानसिक कार्य के दौरान ब्रेक की जरूरत समझने लगते हैं। वहीं, जो लोग ये सोच लेते हैं कि उनकी इच्छाशक्ति अनंत है, तो हम उसी तरह से कार्य करते हुए किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम हो जाते हैं। 

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इस तरह कराया शोध

शोधकर्ताओं द्वारा इस शोध में 1100 अमेरिकन और 1600 यूरोपीय लोगों को शामिल किया गया। प्रतिभागियों को विभिन्न प्रयोगों से गुजारा गया। मानसिक क्रियाओं के स्केल (आइटीडब्ल्यू-एम) के जरिए मनोवैज्ञानिक आकलन किया गया। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों से प्रश्नोत्तरी भी भरवाई। इसमें उनसे बुद्धि, जीवन संतुष्टि और आत्मनियंत्रण संबंधी सवाल शामिल थे। 

ये आया सामने

अध्ययन से मिले आंकड़ों का अध्ययन करने पर सामने आया कि आपकी इच्छाशक्ति के प्रति आपकी सोच ही किसी कार्य की सफलता या असफलता को प्रभावित करती है। जिनकी सोच थी कि वे कठिन से कठिन टास्क को भी पूरा कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें किसी बाहरी चीज की आवश्यकता नहीं है वे ही सफलता की ओर आगे बढ़े। बकौल क्रिस्टोफर, अपनी सोच बदलकर आप आत्मनियंत्रण को बढ़ा सकते हैं। ये ही किसी कार्य को सिद्ध करने की कुंजी है।


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