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बिहार में सियासी भूचाल, महागठबंधन टूटा; मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा

नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार में फंसे तेजस्वी यादव के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jul 2017 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jul 2017 09:59 PM (IST)
बिहार में सियासी भूचाल, महागठबंधन टूटा; मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा
बिहार में सियासी भूचाल, महागठबंधन टूटा; मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। बुधवार का दिन बिहार में महागठबंधन की सरकार के लिए अशुभ रहा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर पिछले करीब 20 दिनों तक महागठबंधन के दो सहयोगी दलों जेडीयू और राष्ट्रीय जनता दल के बीच टकराव के अंजाम के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा सामने आया है।

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नीतीश कुमार ने गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद कहा कि मौजूदा माहौल में काम करना संभव नहीं था।नीतीश ने कहा कि अंतरात्मा की आवाज़ पर उन्होंने ये इस्तीफा दिया है। उन्होंने आगे कहा- "मैंने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा था। तेजस्वी के मामले पर राहुल से भी बात की। हमने अच्छा काम करने का प्रयास किया।"

क्या है तेजस्वी विवाद? 

तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई ने होटल के बदले जमीन केस में केस दर्ज किया है। ये मामला उस वक्त का है जब यूपीए सरकार के दौरान राजद सुप्रीमो लालू यादव रेलमंत्री थे। उनके रेलमंत्री रहते हुए होटल के टेंडर में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया और उसकी एवज में लालू और उनके परिवार को फायदा पहुंचाया गया। पटना में उन्हें इसके बदले जमीन दी गई थी।

सीबीआई की तरफ से दायर एफआईआर में होटल के बदले जमीन केस में लालू, राबड़ी के साथ ही तेजस्वी यादव का भी नाम है। सीबीआई की ओर से केस दर्ज करने के बाद लालू यादव के पटना से लेकर भुवनेश्वर तक बारह ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। भ्रष्टाचार के इस केस में तेजस्वी का नाम आने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी को चार दिन का अल्टीमेटम देते हुए तथ्यों के साथ सामने आने को कहा था। लेकिन, तेजस्वी की तरफ से इस पर सफाई की जगह लगातार नीतीश के ऊपर राजद के नेताओं ने जमकर बयानबाजी की और हमले किए। यही बिहार में महागठबंधन सरकार की टूट की तत्काल वजह बनी। 

अचानक नहीं हुआ नीतीश का इस्तीफा   

नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री पद से यह इस्तीफा अचानक नहीं हुआ है। Jagran.com ने अपनी स्पेशल रिपोर्ट में पहले ही बता दिया था कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी मुद्दे पर बड़ा फैसला ले सकते हैं और हुआ भी वही। दरअसल, नीतीश कुमार के इस्तीफे के पीछे की कहानी राष्ट्रपति चुनाव से शुरू होती है। महागठबंधन में पहले इस बात पर सहमति थी कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक साझा उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। महागठबंधन के द्वारा उम्मीदवार घोषित करने से पहले एनडीए ने रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। नीतीश ने रामानाथ कोविंद पर महागठबंधन से अलग जाकर अपना स्टैंड लिया और ये तत्काल दोनों सहयोगी दलों में कलह की एक बड़ी वजह बनी। 

तेजस्वी पर गई बिहार की सरकार

बुधवार को महागठबंधन में शामिल दोनों दल जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल की ओर से विधानमंडल की बैठक बुलाई गई। राजद ने अपनी तरफ से यह साफ कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर तेजस्वी का इस्तीफा मंजूर नहीं करेगी। उधर, जेडीयू ने विधानसमंडल दल की बैठक की और उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे गवर्नर से मिलने के लिए निकले और अपना इस्तीफा दे दिया।  

लालू ने कहा- तेजस्वी नहीं देंगे इस्तीफा

राजद सुप्रीमो लालू यादव जब अपने बेटे तेजस्वी और पत्नी राबड़ी देवी के साथ मीडिया के सामने मुखातिब हुए तो उन्हें साफ कह दिया कि उन्हें तेजस्वी की इस्तीफा मंजूर नहीं है। लालू ने बकायदा इसके लिए मीडिया को कसूरवार ठहराते हुए कहा कि ये सब उनकी ही दिमागी उपज है। महागठबंधन में दरार की ख़बरों के बीच राजद सुप्रीमो ने कहा कि ये सब मीडिया की देन है और नीतीश कुमार क्या फैसला लेंगे ये बात या तो नीतीश कुमार बता सकते हैं या फिर मीडिया।

लालू ने आगे कहा कि वो चाहते हैं कि गठबंधन अपना कार्यकाल पूरा करे और नीतीश कुमार महागठबंधन दल के नेता हैं और आगे रहेंगे। जबकि, दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी स्पष्ट शब्दों में ये कहा कि जब उनसे इस्तीफा ही नहीं मांगा गया है तो वे क्यों अपना पद छोड़ें।

राजद-जेडीयू ने बुलाई विधानमंडल की अलग-अलग बैठक
बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफा न देने पर अड़ी राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर विधानमंडल की बैठक बुलाई। राजद ने बैठक में अपने सभी विधायकों और विधान पार्षदों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कहा था। जबकि, दूसरी तरफ इसी मुद्दे पर नीतीश कुमार 1, अणे मार्ग पर जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक की। जेडीयू ने पहले यह बैठक 27 जुलाई को रखी थी लेकिन, एक दिन पहले बुलाई गई। 


मानसून सत्र में घेरने की है भाजपा की रणनीति
इससे पहले, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को लगातार पांच ट्वीट कर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश सिंह के आरोपों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है। सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार को महागठबंधन की ड्राइविंग सीट सौंपने पर राजद ने पहले आनाकानी की और अब वह चाहता है कि गाड़ी भ्रष्टाचार के गहरे गड्ढ़ों वाली सड़क पर उतार दी जाए।

'हाइजैक विमान के पायलट हैं नीतीश कुमार'

उन्होंने कहा कि ड्राइवर (मुख्यमंत्री) की हालत अपहृत विमान के पायलट-जैसी हो गई है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर तंज कसा है। सुशील मोदी ने आगे ट्वीटर पर लिखा है कि 26 वर्ष की उम्र में 26 बेनामी सम्पत्तियां अपने नाम कराने वाले तेजस्वी यादव के समर्थन में राजद का नया कुतर्क यह है कि सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार जारी है, इसलिए इस मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की बात दिखावा है।

सुशील मोदी ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा है कि लालू बताएं कि अगर समाज में गरीबी, शोषण और सामाजिक अन्याय जारी है तो क्या उसके खिलाफ संघर्ष नहीं होना चाहिए?

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