Move to Jagran APP

येरुशलम पर सहयोग से इंकार के बाद भी हुए नौ समझौतों के मायने हैं बेहद अहम

इजरायल और भारत के बीच हुए नौ समझौतों के मायने बेहद खास हैं। ये इसलिए भी अहम हैं क्योंकि येरूशलम पर भारत ने इजरायल का साथ देने से साफ इंकार कर दिया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 11:57 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 10:15 PM (IST)
येरुशलम पर सहयोग से इंकार के बाद भी हुए नौ समझौतों के मायने हैं बेहद अहम
येरुशलम पर सहयोग से इंकार के बाद भी हुए नौ समझौतों के मायने हैं बेहद अहम

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। भारत और इजरायल ने कई अहम समझौतों पर हस्‍ताक्षर कर ये जता दिया है कि वह कितने करीब हैं और भविष्‍य में और कितने करीब आ सकते हैं। यह समझौते लगभग हर क्षेत्र में किए गए हैं।इनमें कृषि, तेल और गैस, सुरक्षा और साइबर तकनीक, पेट्रोलियम, फिल्म निर्माण, उड्डयन, नवीन ऊर्जा, अंतरिक्ष, पारंपरिक चिकित्सा भी शामिल है। इन समझौतों की उपलब्धि इसलिए भी और बढ़ जाती है क्‍योंकि यह समझौते येरुशलम के मुद्दे पर इजरायल का साथ न देने के बावजूद हकीकत बनकर सामने आए हैं।

loksabha election banner

स्‍वर्ग में बनी जोड़ी

यहां पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि येरुशलम इजरायल के लिए भावनात्‍मक मुद्दा भी है जिसपर वह भारत समेत दूसरे मित्र राष्‍ट्रों से सहयोग की अपेक्षा करता आया है। ऐसे में भारत के उसके पक्ष में न आने के बाद भी इतने समझौते कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। यह कहानी येरुशलम पर भारत के इंकार से निकलकर मजबूत होती दोस्‍ती की ओर ले जाती है। भारत और इजरायल के बीच दोस्‍ती को मजबूत करने की राह में बेंजामिन नेतन्याहू का वह कथन बेहद कारगर है जिसमें उन्‍होंने दोनों देशों के रिश्‍तों को ‘स्वर्ग में बनी जोड़ी’ की तरह बताया था। आपको बता दें कि इजरायल और भारत अपने पूर्णकालिक कूटनीतिक संबंधों का रजत जंयती वर्ष मना रहे हैं।

खटास के बीच नेतन्‍याहू का भारत दौरा बेहद अहम

ऑब्‍जरवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का कहना है कि मोदी सरकार ने निश्चय ही भारत और इजरायल के रिश्ते पर पड़ी रहस्य की परत हटाई है और इसे पश्चिम एशिया के साथ भारत के व्यापक रिश्ते के केंद्र में ला दिया है। उनका कहना है कि नेतन्याहू एक ऐसे वक्त पर भारत आए हैं, जब दोनों देशों के रिश्ते कुछ झटकों से आहत हुए हैं। इसके बावजूद नेतन्याहू का भारत आना बता रहा है कि चंद झंझावातों से आपसी रिश्ते नहीं डिगते। यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्ते को और व्यापक बनाने की कोशिश भी है, क्योंकि नेतन्याहू के साथ कारोबारियों का एक बड़ा दल भी भारत आया है। इजरायल की अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी भारतीय सेना की ताकत बनी हुई है और दोनों देश गहन खुफिया सहयोग से इसे मजबूती दे रहे हैं। फिर आतंकवाद से निपटने का इजरायल का अनुभव निश्चय ही भारत के लिए मददगार हो सकता है। कृषि व पर्यावरण को लेकर भी दोनों देश एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं।भारत और इजरायल का आपसी रिश्ता एशिया और खासकर पश्चिम एशिया की बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य से भी तय होगा। असल में, एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन का विस्तार मौजूदा क्षेत्रीय राजनीतिक-व्यवस्था को चुनौती दे रहा है। इस पर भारत सहित तमाम क्षेत्रीय देशों की नजर है।

बराक मिसाइलों की खरीद को मंजूरी

भारत ने नौसेना के लिए 460 करोड़ रुपये की लागत से जिन 131 बराक मिसाइलों को खरीदने की मंजूरी दी है। इससे ना सिर्फ सामुद्री ताकत में इजाफा होगा बल्कि हवाई सुरक्षा पुख्ता होगी। इजराइल की कंपनी राफेल इनकी सप्लाई करेगी। धरती से हवा में मार करने वाली इन मिसाइलों का इस्तेमाल पोतों पर मिसाइल रोधी प्रणाली के रूप में किया जाएगा।

इस मिसाइल की खासियत

बराक-8 सिस्टम खास तकनीक एम-स्‍टार (मल्टीफंक्शन सर्विलांस एंड थ्रेट अलर्ट रडार) से लैस है। इसका डाटा लिंक वेपन सिस्टम मैक्सिमम 100 किमी की रेंज तक दुश्मन की मौजूदगी भांपकर उसे 70 किमी के दायरे में तबाह कर देता है। बराक 8 जहाजों पर लगानेवाला एक एयर डिफेंस सिस्टम है जिससे जहाज को एंटी शिप मिसाइल, लड़ाकू विमान, मानव रहित विमान और हेलीकॉप्टर से रक्षा करता है। बराक 8 मल्टीलेयर्ड डिफेंस सिस्टम नहीं है। यह सिंगल इंटरसेप्टर मिसाइल है। बराक 8 को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह किसी भी गति में रहनेवाले क्रूज मिसाइल को एयरक्राफ्ट को इंटरसेप्ट कर सके। इसे अपने लक्ष्य को निशाना बनाने में कोई दिक्कत नहीं आती, जो तेजी से अपनी जगह बदल रहा होता है। इस पर लंबी दूरी के एक्टिव रडार लगे होते हैं।

इजरायल के सहयोग से कृषि क्षेत्र में होगी तरक्‍की

इजरायल कृषि क्षेत्र में भारत को तकनीकी मदद देगा। डेटा, सेंसर और सेटेलाइट के जरिए किसानों को उत्पादन बढ़ाने की तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी। कृषि क्षेत्र में इजरायली तकनीक सबसे उन्नत मानी जाती है। इसके अलावा जल संरक्षण, जल की गुणवत्ता सुधारने के लिए इजरायल भारत से तकनीकी साझा करेगा। कृषि क्षेत्र में डेटा, सेंसर व सेटेलाइट के जरिए किसानों को उत्पादन बढ़ाने की तकनीकी उपलब्ध कराई जाएगी।

साइबर सुरक्षा

साइबर सुरक्षा दोनों देशों ने साइबर क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए समझौता किया है। इसमें सूचनाओं के आदान - प्रदान, उपकरणों को साझा करना, इजरायली कंपनियों की विशेषज्ञता हासिल करना, प्रशिक्षण और तकनीकी हस्तांतरण जैसे मुद्दे शामिल हैं। साइबर क्षेत्र में सहयोग के लिए मानवसंसाधन क्षमता का निर्माण विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए किया जाएगा। इसके अलावा संबंधित कानूनों, नियमों, नीतियों, औरा सरकारी प्रयासों को एक दूसरे के हितों के अनुरूप तर्कसंगत बनाने के अलावा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सुविधाएं दी जाएंगी। इस समझौते के तहत दोनों देश सहमति वाली सेवाओं के लिए विशेष रूट पर जगह आरक्षित करना, कोड साझा करने जैसे प्रावधान किए गए हैं।

तेल और गैस क्षेत्र में समझौता

इस समझौते के तहत दोनों देश तेल व गैस के क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग बढ़ाएंगे। साथ ही द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए साझा आर्थिक परियोजनाओं के विस्तार की संभावना तलाशेंगे। दोनों देश मिलकर अनुसंधान और तकनीकी सहयोग पर काम करेंगे। इस क्षेत्र में शोध संस्थानों व विश्वविद्यालयों के बीच सेतु बनाने का काम किया जाएगा। इस क्षेत्र में भारत ने दो करार किए है।पहला, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और फिनर्जी लिमिटेड के बीच मेटल एयर बैटरी के लिए हुआ। दूसरा, आईओसीएल और इजरायल के येदा रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच सौर ताप ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए हुआ।

हैल्‍थ के क्षेत्र में समझौता

आयुष मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय होम्योपैथी शोध परिषद और इजरायल स्थित शारे जेडक चिकित्सा केंद्र से संबद्ध एकीकृत चिकित्सा केंद्र ने करार किया है। इसके तहत नई-नई बीमारियों की होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से इलाज करने के लिए दोनों संस्थान मिलकर शोध करेंगे।

एंटरटेनमेंट की फील्‍ड में समझौता

इजरायल और भारत फिल्म निर्माण में सहयोग कर लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की रणनीति को मजबूत करेंगे। पिछले ही साल इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारतीय फिल्मकारों को इजरायल में आकर शूटिंग करने का प्रस्ताव दे चुके थे। इस करार से दोनों देशों ने सहयोग पर औपचारिक मुहर लगाई है।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में समझौता

भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीक संस्थान (आईआईएसटी) और टेकनियोन इजरायल तकनीक संस्थान अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति पत्र पर दस्तखत किए हैं। इस क्षेत्र में भारत को महारत हासिल है। वहीं, अंतरिक्ष तकनीक का रक्षा में इस्तेमाल की तकनीक इजरायल के पास है। ऐसे में दोनों देश मिलकर इस दिशा में काम करेंगे।

यह भी पढ़ें: जानें, क्या कर रहे थे किम जब हवाई में हुआ था मिसाइल अटैक का अलर्ट

यह भी पढ़ें: एक मानवीय भूल की वजह से खतरे में पड़ी करोडों लोगों की जान, जानें पूरा मामला

यह भी पढ़ें: जितना आप सालभर में नहीं जोड़ पाते, उससे अधिक होती है आपके MLA की सैलरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.