नवाज शरीफ की संपत्ति और पनामालीक्स के बारे में कितना जानते हैं आप
क्या आप नवाज शरीफ की संपत्ति के बारे में जानना चाहते हैं और क्या आपको पनामा पेपरलीक्स की जानकारी है। यदि नहीं तो यहां पढ़ें।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी और अयोग्य करार दिए गए नवाज शरीफ की संपत्ति कितनी है क्या आप जानते हैं? यदि नहीं तो इसका जवाब हमारे पास है। साल 2016 में नवाज ने संपत्ति का जो ब्यौरा घोषित किया था, उसके मुताबिक वह 1.72 अरब रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। इसके अलावा वह पाकिस्तान के सबसे अमीर सांसदों में से एक भी हैं। यहां पर आपको यह भी बता देना जरूरी होगा कि पिछले दिनों उनकी कुल संपत्ति में कुछ गिरावट आई थी इसके बाद भी उनका अरबपति का दर्जा बना रहा था। लेकिन पनामा पेपर लीक मामले में शरीफ को दोषी ठहराए जाने और इसकी वजह से पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद उनकी इस शराफत पर काला धब्बा लग गया है।
कार्यकाल पूरा नहीं कर सके शरीफ
पनामा पेपर लीक मामले के चलते शरीफ अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। शरीफ के परिवार की लंदन में प्रॉपटी का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ था। आरोपों के मुताबिक इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का पैसा लगा हुआ है, जिनका मालिकाना हक शरीफ के बच्चों के पास है। इनमें लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट भी शामिल हैं। लेकिन जिन पनामा पेपर्स का बार-बार जिक्र सामने आ रहा है वह आखिर हैं क्या? क्या आपको इसके बारे में पता है। नहीं पता है तो चलिए हम आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं।
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कई चौंकाने वाले खुलासे
दरअसल, साल 2013 में पनामा की एक कानूनी फर्म ‘मोसेक फोंसेका’ के सर्वर को हैक करने के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेसिटगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) नाम के एनजीओ ने पनामा पेपर्स के नाम से कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों, राजनीतिक हस्तियों, फिल्म कलाकारों, खिलाडि़यों और अपराधियों के वित्तीय लेन-देन का खुलासा कर दुनियाभर में हड़कंप मचा दिया था। इसमें करीब 1 करोड़ 10 लाख दस्तावेजों का खुलासा किया गया था।
कई राजनेताओं के नाम आए सामने
इसके बाद पनामा पेपर्स लीक के नाम से विदेशों में धन रखने वालों की सूची भी सार्वजनिक की गई थी, जिसमें दुनियाभर के 140 नेताओं, फिल्म, खेल जगत की हस्तियों के अलावा अरबपतियों की छिपी संपत्तियाें का खुलासा हुआ था। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बेटे-बेटी के नाम के अलावा कई भारतीयों के नाम भी शामिल थे। पनामा पेपर्स लीक की जांच में करीब 40 सालों के दस्तावेज सामने आए थे।
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काले धन को ठिकाने लगाने का काम
दरअसल, पानामा की कंपनी मोसेक फोंसेका एक लॉ फर्म है जो लोगों के पैसे का मैनेजमैंट करने का काम करती है। इसका असल काम काले धन को सुरक्षित रूप से ठिकाने लगाना है, जिसके लिए यह फर्जी कंपनी खोलती है और कागजों का हिसाब रखती है। इस कंपनी द्वारा दुनियाभर में किए जा रहे कारोबार पर ही पनामा देश की अर्थव्यवस्था भी निर्भर करती है। इसके पास करीब 1 करोड़ 15 लाख गुप्त फाइलों का भंडार है, जिनमें करीब 2,14,000 कंपनियों से जुड़ी जानकारियां हैं। जिसमें उस कंपनी के डायरेक्टर्स की भी जानकारियां हैं। इसमें पांच देशों के नेताओं जिनमें अर्जेंटीना, आइसलैंड, सऊदी अरब, यूक्रेन, सयुंक्त अरब अमीरात के नेता शामिल हैं, के अलावा 40 देशों की सरकार से जुड़े लोगों के बारे में भी काले धन और गैरकानूनी वित्तीय लेनदेन की सूचनाएं है।
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जेआईटी ने की थी पूछताछ
20 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में जेआईटी गठित की गई थी। इस टीम ने सात सप्ताह के दौरान नवाज और उनके परिवार से पूछताछ कर 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। जेआईटी की रिपोर्ट में कहा गया कि लंदन में शरीफ परिवार द्वारा खरीदे गए फ्लैट्स के लिए पैसे कहां से आए, इस पर नवाज और उनकी टीम ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में नवाज और उनके परिवार पर धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाना, अपनी आय के जरिए को छुपाना और आय से ज्यादा आलीशान जीवन जीने जैसे कई संगीन आरोप लगाए। इसमें कहा गया कि शरीफ परिवार ने लंदन के फ्लैट्स की खरीद के समय सभी जरूरी कागजात नहीं दिखाए।
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