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जानें, कैसे आजमगढ़ का एक मोटर मैकेनिक बना मुंबई का डॉन

1993 मुंबई बम धमाका मामले में टाडा कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Fri, 16 Jun 2017 12:25 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jun 2017 04:11 PM (IST)
जानें, कैसे आजमगढ़ का एक मोटर मैकेनिक बना मुंबई का डॉन
जानें, कैसे आजमगढ़ का एक मोटर मैकेनिक बना मुंबई का डॉन

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । 257 लोगों के कत्ल का आरोपी, मुबंई को 1993 में बेपटरी करने वाला, दाऊद के काले कारनामों का राजदार, न जानें कितने परिवारों के दुख और दर्द का जिम्मेदार है वो। दुबले-पतले कद काठी और मासूम से दिखने वाले अबू सलेम के चेहरे को देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वो हत्यारा हो सकता है। लेकिन ये सच है कि उसने न केवल 257 लोगों की मौत का सीधे जिम्मेदार है बल्कि उन परिवारों का भी गुनहगार है जिन्हें जीवन भर का गम दे गया। 

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 मैकेनिक से डॉन बनने की कहानी

बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि 1993 मेें मुबंई धमाकों के बाद दाऊद और कुनबा देश छोड़ चुका था। उस दौरान डी कंपनी की सल्तनत को आजमगढ़ में कभी पंचर बनाने वाले अबु सलेम ने संभाला। दरअसल पिता की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी अबू सलेम पर आ गई। परिवार के भरणपोषण के लिए गांव में ही मोटर मकैनिक का काम शुरू किया। 1984-85 में वो मुंबई कमाने पहुंचा और वहां भी गाड़ियां बनाने का काम किया। मुंबई में ही कुछ समय के अबू सलेम ने डिलीवरी ब्वॉय का काम भी किया था। 

आजमगढ़ के सरायमीर के रहने वाले अबू सलेम के पिता वकील थे और परिवार काफी बड़ा था। उनकी सड़क दुर्घटना में मौत के बाद सारी जिम्मेदारियां अबू सलेम पर आ गई थी। कुछ दिनों तक आजमगढ़ में मोटर मैकेनिक का काम करने के बाद ये काम करने के बाद वो टैक्सी चलाने दिल्ली चला गया। दिल्ली में उसकी मुलाकात दाऊद इब्राहिम के भी अनीस से हुई। अनीस ने अबू सलेम की बात दाऊद से करायी। दिल्ली से सलेम ने ने मुंबई का रुख किया। 

 प्रदीप जैन बने थे सलेम के पहले शिकार

अबू सलेम ने अपना पहला शिकार 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन को बनाया था। प्रदीप की हत्या करने के बाद उसने जैन की पत्नी से पूछा कि क्या तुम्हे विधवा होने का सुख मिल रहा है। ऐसा बताया जाता है कि बॉलीवुड के लोगों से वो अर्शलान नाम से मिलता था और खुद को सलेम का सहयोगी बताता था।

पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के बाद अबू सलेम को भारत लाया गया । एक मामले में जब उसे पेशी के लिए लखनऊ ले जाया गया तो उसने ट्रेन में ही एक महिला से निकाह कर लिया। हालांकि ये नहीं पता चल सका कि वो महिला कौन है।मुंबई धमाके के बाद जब दाऊद और उसके भाई भाग गए तो मुंबई में बिल्डरों से पैसे वसूलने का काम अबू सलेम करने लगा।

फि‍ल्म इंडस्ट्री में लगाता था डी-कंपनी का पैसा

अबू सलेम ने जब मुंबई में डी-कंपनी की कमान संभाली तो फिल्म इंडस्ट्री में जमकर पैसे लगाने की बात भी कई बार चर्चाओं में रही। फिल्मों में पैसा लगाना और पसंदीदा कलाकारों को काम दिलवाना अबू का शौक बन चुका था। अभिनेत्री मोनिका बेदी से इसी दौरान उसकी नजदीकियां बढ़ीं और प्यार परवान चढ़ने लगा था।

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