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कासकर की गिरफ्तारी के बाद उठा सवाल, क्या दाऊद का सिक्का चलता है?

मुंबई में फिल्मी कलाकारों को भी वसूली देनी पड़ती है। ऐसे में यह आर्थिक राजधानी मुंबई में बहुत बड़ा धंधा है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 07:25 PM (IST)Updated: Thu, 21 Sep 2017 03:25 PM (IST)
कासकर की गिरफ्तारी के बाद उठा सवाल, क्या दाऊद का सिक्का चलता है?
कासकर की गिरफ्तारी के बाद उठा सवाल, क्या दाऊद का सिक्का चलता है?

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। ठाणे के एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने अंडरवर्ल्ड डाउन दाऊद इब्राहिम के भाई इब्राहिम कासकर को दक्षिणी मुंबई के नागपाड़ा में गॉर्डन हाउस से गिरफ्तार किया। एक बिल्डर की शिकायत पर जबरन वसूली के एक मामले में विवादास्पद एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने इकबाल कासकर के साथ चार और लोगों को गिरफ्तार किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि 2013 से लेकर अब तक इब्राहिम कासकर ने मुंबई के ठाणे, उल्हास नगर और डोम्बिवली में करीब सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली कर चुका है।

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मुंबई में बहुत बड़ा धंधा है अवैध वसूली
दैनिक जागरण की फेसबुक चर्चा में इनकलाब (उर्दू दैनिक) के संपादक शकील हसन शमसी ने बताया कि मुंबई में हमेशा अंतरराष्ट्रीय रैकेट चलता रहा है, अवैध वसूली चलती रही है। वहां पर लोग उसे हफ्ता कहते हैं। वहां पर जो लोग फुटपाथ पर सोते हैं उन्हें भी हफ्ता देना पड़ता है तो फिर ये तो बिल्डर्स हैं। मुंबई में फिल्मी कलाकारों को भी वसूली देनी पड़ती है। ऐसे में यह आर्थिक राजधानी में बहुत बड़ा धंधा है।

अवैध वसूली में चलती है गैंगवार
शकील हसन शमसी ने बताया कि दाऊद ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं और वो इस गोरखधंधे में शामिल रहा है। इसके अलावा, रवि पुजारी, छोटा शकील ये लोग भी अवैध वसूली का ही मुंबई में काम करते रहे। दाऊद की बहन हसीना पारकर जब तक जिंदा रही, तब तक वह भी इस काम में शामिल रही। ऐसे में ये लोग पकड़े तो जाते हैं, लेकिन आसानी से छूट जाते हैं। छोटा राजन ने एक बार इब्राहिम कासकर पर हमला भी किया था, लेकिन वह बच निकला था। ऐसे में इनके बीच गैंगवार भी चलती रहती है। लेकिन, सबसे बड़ी बात ये है कि वसूली करनेवालों के खिलाफ सबूत नहीं मिलते और वो छूट जाते हैं। यही वजह है कि हसीना पारकर ने इतना बड़ा एंपायर खड़ा कर लिया, लेकिन कभी उसे सज़ा नहीं हुई। ऐसे में इब्राहिम कासकर भले ही पकड़ा गया हो, लेकिन कितने दिनों तक जेल में रहेगा इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

पुलिस नहीं करती आंतकियों पर ईमानदारी से कार्रवाई
जबकि, दैनिक जागरण के एसोसिएट राजीव सचान ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गिरोह के खिलाफ पुलिस ईमानदारी से काम नहीं करती है। उन्होंने बताया कि इकबाल कासकर की गिरफ्तार ये बताती है कि भारत में राजनीति ही नहीं बल्कि अपराध जगत में भी भाई-भतीजावाद जारी है। इसकी बहन भी ठीक ऐसा ही काम कर रही थी। इससे यह पता चलता है कि जो बातें कही गई थीं कि अंडरवर्ल्ड की कमर तोड़ दी गई थी ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उसके ये कुछ उदाहरण भर हैं।

राजीव सचान ने बताया कि उगाही से कोई शख्स सौ करोड़ रुपये जमा कर लेता है और कोई भी उसके खिलाफ पुलिस में बोलने को तैयार नहीं है, इससे साफ जाहिर है कि मुंबई में अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सिक्का चल रहा है।

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