कश्मीर पर पाक यूं ही नहीं हुआ चित, भारतीय पक्ष के बयान थे दमदार
कश्मीर के मुद्दे पर यूएन में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है। उसके परम सहयोगी चीन ने भी साफ शब्दों में कहा कि भारत के साथ विवादित मुद्दे वो खुद सुलझाए।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। पाक का अर्थ है पवित्र, लेकिन सच ये है कि वो 'पवित्र' भूमि आतंकियों की पनाहगाह है। पाकिस्तान में आतंकवाद उद्योग की तरह फलफूल रहा है, जो आतंकियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इस बयान के जरिए यूएन में भारतीय राजनयिक इनम गंभीर ने पाकिस्तान को लताड़ा। उन्होंने कहा कि दूसरा सच ये है कि पाकिस्तान अब टेररिस्तान बन चुका है। लेकिन भारतीय राजनयिक की टिप्पणी के बाद पाकिस्तान की तरफ से वही घिसा पिटा बयान आया कि कश्मीर के मुद्दे पर उसका रुख पहले की ही तरह है। पाक पीएम शाहिद खकान अब्बासी ने कहा कि भारतीय फौज न केवल कश्मीरियों का उत्पीड़ित कर रही है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ की अगुवाई में भारत जनमत संग्रह कराने से बचता है। हालांकि पाकिस्तान को ये उम्मीद थी कि उसका परम सहयोगी चीन उसके पक्ष में बयान जारी करेगा। लेकिन कश्मीर के मुद्दे पर चीन का रुख आश्चर्यजनक था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार को यूएन में भारतीय पक्ष को देश और दुनिया सबके सामने रखेंगी।
कश्मीर पर पाक पीएम शाहिद खकान अब्बासी के बोल पर भारत के पड़ोसी देशों ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा और साफ शब्दों में कहा कि अब दुनिया को और बरगलाया नहीं जा सकता है। आइए विस्तार से बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान के पड़ोसी देशों ने पाकिस्तान को किस अंदाज में लताड़ा।
जब चीन ने पाकिस्तान को दिखाया आइना
पाकिस्तान के सबसे बड़े मित्र राष्ट्र चीन ने कश्मीर मुद्दे पर उसे तगड़ा झटका दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी की कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के को प्रस्ताव लागू करने की मांग चीन ने कुछ ही घंटों के भीतर ठुकरा दिया। बीजिंग ने इस्लामाबाद को दी गई नसीहत में कहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है इसलिए पाकिस्तान भारत के साथ मिलकर इसका समाधान तलाशे। बीजिंग ने इस्लामिक सहयोग संगठन (आइओसी) की अपील भी खारिज कर दी है। आइओसी ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव लागू करने की मांग की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच ही होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर मुद्दा इतिहास से जुड़ा है। चीन को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान बातचीत और आपसी संवाद से ज्वलंत मुद्दों को देख सकते हैं। दोनों देश संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की सुरक्षा कर सकते हैं।’आइओसी आए दिन कश्मीर को लेकर प्रस्ताव पारित करता रहता है। यह संगठन संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव को लागू करने की मांग करता है। दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर आइओसी के सदस्यों ने बैठक की थी।
अफगानिस्तान ने पाक को सुनाई खरी-खरी
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताते हुए आरोप लगाया कि वह अपनी जमीन पर स्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में असफल रहा है। अब वह इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि तालिबान की सुरक्षित पनाहगाह अफगानिस्तान है। इसके बाद अफगानिस्तानी प्रतिनिधि ने कहा, पड़ोसी पाकिस्तान में हो रहा आतंकी गतिविधियों का प्रसार ही देश और क्षेत्र में असुरक्षा का प्रमुख स्नोत है।
जानकार की राय
अमेरिका में भारत की पूर्व राजदूत रहीं मीरा शंकर ने इस मुद्दे पर Jagran.Com से खास बातचीत में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत हमेशा से अपनी बात मजबूती से रखता रहा है। लेकिन इस दफा भारत ने शब्दों के जरिए पाकिस्तान को जबरदस्त तरीके से घेरा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण से ठीक पहले भारतीय राजनयिक इनम गंभीर दुनिया को भारत का रुख समझाने में कामयाब रहीं। कश्मीर के मुद्दे पर चीन की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। पहली बार चीन को ये समझ में आ रहा है कि आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में विवादित मुद्दे उसकी राह में रोड़ा बनेंगे, लिहाज दो देशों के बीच विवादित मुद्दों पर दखल देने की प्रवृत्ति से बचना होगा।
बांग्लादेश ने पाक को कोसा
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि प्रायोजित आतंकवाद स्थिरता और विकास के लिए खतरा है। अब इस पर रोक लगाने की जरूरत है।
बातें नहीं, कार्रवाई करे पाक: ईरान
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने पाक पीएम से मुलाकात कर आतंकी गुटों पर लगाम लगाने की नसीहत दी। रूहानी ने कहा कि पाक-ईरान सीमा पर सक्रिय आतंकियों और आतंकी संगठनों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।