भारत ने पाक को बताया टेररिस्तान, क्या इस्लामाबाद से और बिगड़ेंगे रिश्ते
यूएन में भारतीय राजनयिक इनम गंभीर ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का अड्डा बताते हुए उसे टेररिस्तान कर दिया।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की आमसभा के दौरान पाकिस्तान पर कड़ा पलटवार किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी की तरफ से यूएनजीए में कश्मीर राग अलापने और कश्मीर में यूएन से विशेष दूत तैनात करने की मांग पर भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। यूएन में भारतीय राजनयिक इनम गंभीर ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का अड्डा बताते हुए उसे 'टेररिस्तान' कर दिया।
टेररिस्तान बना पाकिस्तान
इनम गंभीर ने कहा कि खुद टेररिस्तान बने चुके पाकिस्तान में लगातार आतंकवाद का कारोबार फल-फूल रहा है और वैश्विक स्तर पर फैल रहा है। इनम गंभीर ने आगे कहा कि अपने छोटे से इतिहास में पाकिस्तान आतंकवाद का पर्याय बन गया है। हमला तेज करते हुए एनम ने कहा कि यह अद्भूत बात है कि जिस देश ने ओसामा बिन लादेन और मुल्ला उमर को शरण दी, वह खुद को पीड़ित के तौर पर पेश करने का साहस रखता है।
भारत को कड़ा जवाब तो देना ही था
दैनिक जागरण की फेसबुक चर्चा में जागरण के एसोसिए एडिटर राजीव सचान ने बताया कि जिस तरह से यूएनजीए में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने भारत पर आरोप लगाया उसके बाद भारत की तरफ से पलटवार तो किया ही जाना था। इसके तरह के आरोप-प्रत्यारोप यूएनजीए की बैठक के दौरान हर बार होता है। लेकिन, राजीव सचान ने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत ने इतना तल्ख रुख अपनाया है और विश्व मंच से कठोर संवाद देने में भारत कामयाब रहा। लेकिन, भारत को शाब्दिक रुप का कार्यरुप में परिणीति करने की जरुरत है। ऐसे में जब तक कुछ ऐसा नहीं किया जाता ताकि उसे हितों को चोट नहीं पहुंचे तब तक वह नहीं मानेगा।
दुनिया देख रही है पाकिस्तान की हकीकत
जबकि, संपादक मंडल के वरिष्ठ सदस्य रामधनी ने बताया कि भारत ने सिर्फ पाकिस्तान के पीएम का जवाब दिया है। पाकिस्तान के पास भारत के खिलाफ सिर्फ एक ही मुद्दा होता है कश्मीर का। पाकिस्तान ने भारत पर उल्टा सीजफायर उल्लंघन का आरोप लगाया है। ऐसे में भारत की संयुक्त राष्ट्र में सचिव इनम गंभीर ने बिल्कुल सही जवाब दिया है।
उधर, समाचार संपादक मनोज झा ने बताया कि भारत की जो अपनी नीति है उस पर वह अच्छी तरीके से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार हमारे ऊपर विध्वंसक कार्रवाई का आरोप लगाकर हमें बदनाम करता था और उल्टा हम बातचीत को मजबूर होते थे। लेकिन ये भारत की विदेश नीति का ही परिणाम है कि आज पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है।
भारत की विदेश नीति सफल
मनोज झा ने आगे बताया कि टेररिस्तान शब्द भारत की नई विदेश नीति को फोकस कर रहा है। भारत और पाकिस्तान के संबंध में एक बात ये समझना चाहिए कि जर्मनी का एकीकरण हुआ लेकिन कोरिया में आपसी प्रतिस्पर्धी हैं। लेकिन, भारत और पाकिस्तान के संबंध की बात करें तो ऐसा कभी भी संभव नहीं है कि दोनों में मैत्रीपूर्ण संबंध हो सकता है क्योंकि भारत ने जैसे पाकिस्तान से बांग्लादेश को अलग किया ठीक वैसे ही पाकिस्तान भी भारत की हितों को चोट पहुंचाना चाहता है। यही वजह है कि पाकिस्तान लगातार कश्मीर राग अलाप रहा है।
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