क्या मालेगांव में कांग्रेस-शिवसेना की जीत एनसीपी के साथ धोखा है
कांग्रेस और शिवसेना ने शानदार जीत दर्ज की और विरोध में उतरे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और जनता दल गठबंधन को पटखनी दी।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। कहा जाता है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है जहां कुछ भी मुमकिन है। इसकी एक बानगी मालेगांव के मेयर चुनाव में देखने को मिली जहां विचारधाराओं को ताक पर रख कर मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए धुर विरोधी रही पार्टियां कांग्रेस और शिवसेना एक साथ आकर अपना कब्जा जमा लिया।
मालेगांव में एक साथ शिवेसना-कांग्रेस
मालेगांव के मेयर चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के समर्थन से कांग्रेस और शिवसेना ने शानदार जीत दर्ज की और विरोध में उतरे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और जनता दल गठबंधन को पटखनी दी। एनसीपी जनता दल गठबंधन को भाजपा का भी समर्थन मिला हुआ था। 84 सदस्यीय मालेगांव नगर निगम में दो बार कांग्रेस के विधायक रहे शेख रशीद के पक्ष में 41 वोट पड़े जबकि शिवसेना के सखाराम घोडके को डिप्टी मेयर चुना गया।
कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी
14 जून 2017 को हुए 84 सदस्यी सीटों वाले मालेगांव नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी। तो वहीं, दूसरे नंबर पर 20 सीटों के साथ रही नेशनल कांग्रेस पार्टी। इस चुनाव में जनता दल को छह सीटों मिली जबकि शिवसेना 13 सीटे अपनी झोली में लाने में कामयाब रही। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रदर्शन बेहद खराब रहा और वह सिर्फ 9 सीट पर ही कमल खिला पायी जबकि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 7 सीटें मिली।
कांग्रेस ने शिवेसना को धोखा किया- माजिम मेमन
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता माजिद मेमन ने Jagran.com से खास बातचीत में मालेगांव नगर निगम चुनाव में कांग्रेस और शिवसेना को एक साथ आने को एनसीपी के साथ धोखा करार दिया है। मेमन ने कहा कि अगर कांग्रेस वहां पर एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ती तो इस गठबंधन की जीत तय थी। उन्होंने कहा कि काफी समय से दोनों दल एक साथ गठबंधन में है। ऐसे में स्थानीय फायदे के लिए यह गठबंधन कर कांग्रेस ने एनसीपी को धोखा दिया है।
स्थानीय चुनाव में ताक पर रखे जाते है सिद्धांत
माजिद मेमन ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के अपने अलग सिद्धांत हैं जिन पर वे राजनीति करते हैं। लेकिन, जब बात स्थानीय चुनाव की होती है तो वहां पर तात्कालिक व्यवस्था बनाई जाती है। मालेगांव में भी इसी तरह का अनुभव देखने को मिला है।
मध्यावधि चुनाव नहीं करा सकती भाजपा
माजिद मेमन ने माहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की तरफ से मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि, मेमन ने आगे कहा कि भाजपा ऐसा कहती है जो सिर्फ बयान भर है। लेकिन, हकीकत में ऐसा नहीं होगा।
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