ATM के 50 साल, पत्नी के कहने पर 6 से घटकर 4 अंकों का हुआ PIN
2014 के अंत तक दुनिया में 30 लाख से ज्यादा एटीएम लग चुके थे। भारत में अप्रैल 2017 तक दो लाख सात हजार 813 एटीएम काम कर रहे हैं।
नई दिल्ली[स्पेशल डेस्क] । ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानि एटीएम 50वीं सालगिरह मना रहा है। इसका सफर लंदन से शुरू हुआ और अपने पचास साल के सफर में ये दुनिया के सभी कोनों में स्थापित हो चुका है। भारत में एटीएम 90 के दशक में सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित था। लेकिन अब ये बड़े शहरों से निकल कर छोटे शहरों में दस्तक दे चुका है। एटीएम आज समय की मांग है। इसकी महत्ता को नोटबंदी के समय भारतीयों से बेहतर कोई और नहीं समझ सकता है।
एटीएम का सफरनामा
विश्व के पहले एटीएम ने 27 जून 1967 को उत्तरी लंदन के इनफिल्ड कस्बे में काम करना शुरू किया। इसे बार्कलेज बैंक ने अपनी शाखा में लगाया था। इस मशीन के विकास का श्रेय जॉन शेफर्ड-बैरोन और उनकी इंजीनियरिंग टीम को दिया जाता है। एक ब्रिटिश प्रिंटिंग कंपनी डे ला रू ने ऑटोमेटेड कैश सिस्टम मशीन तैयार की थी। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि चॉकलेट वेंडिंग मशीन को देखकर उन्हें एटीएम बनाने का ख्याल आया। भारत में पहला एटीएम 1987 में शुरू हुआ था। इसे एचएसबीसी यानी हॉन्गकॉन्ग एंड शंघाई बैंक कॉरपोरेन लिमिटेड ने मुंबई में अपनी शाखा में स्थापित किया था।
एटीएम से जुड़ी खास बातें
-2014 के अंत तक दुनिया में 30 लाख से ज्यादा एटीएम लग चुके थे।
-भारत में अप्रैल 2017 तक दो लाख सात हजार 813 एटीएम काम कर रहे हैं।
-करीब 58 हजार 798 एटीएम के साथ एसबीआइ सबसे बड़ा बैंकिंग संगठन है।
-14 हजार 185 एटीएम के साथ एक्सिस बैंक निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है।
-भारत में बैंक खाताधारकों के पास 86 करोड़ से ज्यादा डेबिट कार्ड हैं।
-विश्व में वयस्कों को प्रति एक लाख जनसंख्या पर एटीएम की उपलब्धता 40.5 है।
-दक्षिण कोरिया में वयस्कों की प्रति लाख जनसंख्या पर एटीएम की उपलब्धता करीब 278 है।
-भारत में वयस्कों की प्रति लाख जनसंख्या पर सिर्फ 19.7 एटीएम उपलब्ध हैं।
स्रोत- एटीएम एसोसिएशन, आरबीआई( बैंक वाइज एटीएम/ पीओएस/कार्ड स्टेटिस्टिक्स-अप्रैल 2017) और आइएमएफ( फाइनेंसियल एक्सप्रेस सर्वे 2015)
रिकॉर्ड बनाते एटीएम
-पाकिस्तान के खुंजरेब दर्रा में सबसे अधिक 15,397 फीट की ऊंचाई पर एटीएम स्थापित है। इसे बैंक ऑफ पाकिस्तान संचालित करता है।
-भारत में 14, 300 फीट की ऊंचाई पर नाथु ला सिक्किम में स्थापित किया गया है। इसे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया संचालित करता है।
- एटीएम की सुविधा देने वाला देश का पहला सबसे बड़ा विमानवाहक युद्धपोत आइएनएस विक्रमादित्य है। एसबीआइ इसे सेटेलाइट के जरिए संचालित करता है।
एटीएम पिन से जुड़ी दिलचस्प जानकारी
- जॉन शेफर्ड बेरॉन ने ATM ट्रांजेक्शन को सेफ करने के लिए छह अंकों के पासवर्ड का प्रस्ताव रखा था।
- लेकिन अपनी पत्नी की वजह से उन्हें यह प्रस्ताव वापस लेना पड़ा।
- जॉन की पत्नी कैरोलिन अधिकतम चार अंकों की संख्या ही याद रख सकती थी।
- पत्नी की उलझन को दूर करने के लिए बेरॉन ने एटीएम के पासवर्ड को हमेशा के लिए 4 अंकों का ही कर दिया।
कैसेे काम करता है एटीएम
एटीएम एक तरह का डाटा टर्मिनल (Data Terminal) होता है, जिसमें मॉनीटर, की-बोर्ड माउस जैसे इनपुट और आउटपुट डिवाइस होते हैं। यह होस्ट प्रोसेसर (Host Processor) से जुड़ा होता है, जो बैंक और एटीएम के बीच कड़ी का काम करते हैं। इसके लिये इंटरनेट की मदद ली जाती है। इससे यूजर के एटीएम में एटीएम कार्ड डालते ही बैंक के होस्ट प्रोसेसर से जुड़ जाता है। ऐसे में वह बिना बैंक जाए ही अपने खाते से पैसा निकाल सकता है।
हर ग्राहक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड के पिछले हिस्से में एक खास Magnetic strip होती है, जिसमें उसकी पहचान संख्या व अन्य जरूरी जानकारियां कोड के रूप में होती हैं। जब ग्राहक कार्ड को एटीएम के कार्ड-रीडर में डालता है, तो एटीएम मैग्नेटिक स्ट्रिप में छिपी इन जानकारियों को पढ़ लेता है।यह जानकारी जब होस्ट प्रोसेसर के पास पहुंचती है, तो वह ग्राहक के बैंक से ट्रांजेक्शन का रास्ता साफ करता है।जब ग्राहक कैश निकालने का विकल्प चुनता है तो होस्ट प्रोसेसर और उसके बैंक अकाउंट के बीच एक Electronic Fund Transfer प्रक्रिया होती है।इस प्रक्रिया के पूरा होते ही होस्ट प्रोसेसर एटीएम को एक अप्रूवल कोड भेजता है। यह कोड एक तरह से मशीन को पैसा देने के आदेश के समान होता है।
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