बिहार टॉपर स्कैम पार्ट- 2: क्या दलित होने की वजह से उठ रही हैं टॉपर पर उंगलियां!
बिहार में इंटर का रिजल्ट सिर्फ 35 फीसद रहा और टॉपर ही सवालों के घेरे में है। नीतीश राज में राज्य के बजट का कुल 25 फीसद शिक्षा को दिया गया है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) द्वारा हाल ही में जारी परीक्षा परिणाम में इंटर के टॉपर गणेश को लेकर चल रहे विवाद पर सत्तारूढ़ जदयू ने आरोप लगाया है कि दलित होने के कारण उसे कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि दलित होने के कारण उसकी मेधा पर सवाल उठाया जा रहा है।
पिछले साल बिहार बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद यह देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। टॉपर घोटाले के कारण बिहार और राज्य की शिक्षा व्यवस्था की जमकर खिल्ली उड़ी थी। ऐसा ही कुछ इस साल रिजल्ट आने के बाद एक बार फिर देखने को मिल रहा है। इस साल 12वीं की परीक्षा में साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों संकायों में सिर्फ 35 फीसद छात्र ही पास हुए हैं। विवाद सिर्फ रिजल्ट खराब आना ही नहीं है, पिछली बार की टॉपर रूबी राय की तरह ही इस बार का टॉपर भी अपने विषय में फिसड्डी दिख रहा है।
25 फीसद बजट और 35 फीसद रिजल्ट
बिहार में इंटर का रिजल्ट सिर्फ 35 फीसद रहा और टॉपर ही सवालों के घेरे में है। बता दें कि 'सुशासन बाबू' ने नाम से पहचाने जाने वाले नीतीश कुमार की सरकार ने शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा बजट दिया हुआ है। बिहार में शिक्षा के लिए बजट कुल बजट का करीब 25 फीसद है। इसके बाद भी यहां की शिक्षा व्यवस्था पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। महागठबंधन सरकार के दो साल में दो ऐसी बड़ी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
नया रूबी राय साबित हो सकता है इस साल का टॉपर गणेश
पिछले साल रिजल्ट आया था तो तमाम मीडियाकर्मी टॉपर रूबी राय का इंटरव्यू करने पहुंचे गए थे। लेकिन रूबी के इंटरव्यू ने एक ऐसे घोटाले का खुलासा कर दिया, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। आर्ट्स टॉपर रूबी राय ने न सिर्फ कैमरे के सामने पॉलिटिकल साइंस को प्रॉडिकल साइंस बताया, बल्कि यह भी कहा कि इस विषय में खाना बनाने के बारे में सिखाया जाता है। इस साल के आर्ट्स टॉपर गणेश भी सवालों के घेरे में हैं। रिजल्ट सामने आने के बाद मीडियाकर्मी गणेश को खोजते रहे, आखिरकार दो दिन बाद वह सामने आया। पता चला कि गणेश को म्यूजिक के प्रैक्टिकल में 70 में से 65 नंबर मिले हैं। एक निजी न्यूज चैनल ने जब गणेश से सुरों के बारे में जानना चाहा, उससे गाने के अंतरे और मुखड़े के बारे में जानना चाहा तो नया टॉपर भी पिछले साल की टॉपर रूबी राय के पदचिन्हों पर चलता दिखायी दिया।
स्कूल में प्रशिक्षित शिक्षक तक नहीं, फिर भी टॉपर
गणेश ने जिस रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय, चकहबीब, (ताजपुर) समस्तीपुर से पढ़ाई की और फॉर्म भरा वह विद्यालय न सिर्फ साधनविहीन है, बल्कि वहां कोई प्रशिक्षित शिक्षक तक नहीं है। ऐसे स्कूल से स्टेट टॉपर निकले तो शक होना जाहिर है। यही नहीं स्कूल में सिर्फ छह कमरे हैं और उन पर दरवाजा तक नहीं है। स्कूल के कमरों में कोई खिड़की नहीं है। दीवार पर प्लास्टर व फर्श भी नहीं है। प्रयोगशाला और लाइब्रेरी भी बस नाममात्र के लिए हैं। यहां तक कि स्कूल में बिजली का कनेक्शन भी नहीं है। गणेश के स्कूल के हालात कुछ कुछ वैसी ही हैं जैसे रूबी के स्कूल विशुन राय कालेज की थी। पिछले साल इस टॉपर घोटाले का खुलासा होने के बाद रूबी राय के कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय को गिरफ्तार कर लिया गया था।
जिला शिक्षा पदाधिकारी को टॉपर के स्कूल की जानकारी नहीं
रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय, चकहबीब, (ताजपुर) समस्तीपुर के छात्र गणेश ने बिहार में टॉप किया है, लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी को उनके स्कूल के बारे में जानकारी तक नहीं है। ये जरूर है कि स्कूल प्रबंधन की राजनीतिक गलियारों में पहुंच की बात जरूर सामने आ रही है।
ऐसा है रिजल्ट
टॉपर गणेश का रिजल्ट देखकर किसी को भी उन पर गर्व हो सकता है। लेकिन दैनिक जागरण के हाथ लगे वीडियो में वे जिस तरह से जवाब दे रहे हैं, उसे देखते हुए संदेह होना लाजमी है। टॉपर गणेश ने म्यूजिक विषय से परीक्षा दी और दी उसे प्रैक्टिकल में 70 में 65 अंक भी मिले। थ्योरी में भी 30 अंक में से उसे 18 अंक मिले हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि स्कूल में म्यूजिक के संसाधन हैं ही नहीं। हिंदी में भी गणेश ने 100 में 92 अंक हासिल किए हैं।
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फॉर्म भरने तक में गणेश ने की गड़बड़ी
बिहार के टॉपर गणेश ने जब परीक्षा के लिए फॉर्म भरा तो उन्हें टॉपर बनने की उम्मीद शायद न हो। ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उसने फॉर्म में होम साइंस, म्यूजिक, हिंदी, अंग्रेजी, मनोविज्ञान लिखा था। बाद में उसने होम साइंस के बदले सोशल साइंस ले लिया। यही नहीं उसके फॉर्म में दाखिले की कोई तारीख भी अंकित नहीं है। वह बीच-बीच में इतिहास की भी बात करता है।
22 किमी का सफर कर रोज स्कूल जाता था गणेश!
आम तौर पर इंटर में पढ़ने वाले छात्रों की उम्र 17-18 वर्ष होती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र होती है, कई लोगों की 60 की उम्र पार करने के बाद भी इंटर करते देखा गया है। गणेश की उम्र 24 साल है। गणेश के विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र में उसकी जन्म तिथि 2 जून, 1993 अंकित है। गणेश के अनुसार वह जिला मुख्यालय में कमरा लेकर 22 किलोमीटर दूर स्कूल में रोज पढ़ने जाया करता था।
बिहार बोर्ड के इस साल के रिजल्ट पर एक नजर
इस साल बिहार में 12वीं कक्षा के परिणाम निराशाजनक रहे। साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों संकायों की परीक्षा में सिर्फ 35 फीसद छात्र ही पास हुए। मात्र 8.34 फीसद छात्र फर्स्ट डिवीज़न, 23.65 फीसद छात्र सेकेंड डिवीज़न और अन्य थर्ड डिवीजन में पास हुए। विज्ञान संकाय में सिर्फ 30 फीसद छात्र पास हुए हैं, जबकि पिछले साल 66 फीसद छात्र पास हुए थे। आर्ट्स में भी इस साल का रिजल्ट 37 फीसद रहा, जबकि पिछले साल 57 फीसद छात्र उत्तीर्ण हुए थे। कॉमर्स स्ट्रीम में परीक्षा देने वाले 73.76 फीसद छात्र इस साल पास हुए, जबकि पिछले साल यह रिजल्ट 80 फीसद था।
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