Move to Jagran APP

मैनचेस्‍टर हमला: आने वाले दो माह ब्रिटेन के लिए है बड़े मुश्किल, जानें कैसे

ब्रिटेन के मैनचेस्‍टर में हुआ हमला यह बताने के लिए काफी है अब आतंकियों के निशाने पर यह भी है। लिहाज आने वाले दो माह यूं भी ब्रिटेन के लिए काफी मुश्किल साबित हो सकते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 03:55 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 08:53 PM (IST)
मैनचेस्‍टर हमला: आने वाले दो माह ब्रिटेन के लिए है बड़े मुश्किल, जानें कैसे
मैनचेस्‍टर हमला: आने वाले दो माह ब्रिटेन के लिए है बड़े मुश्किल, जानें कैसे

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। ब्रिटेन के मैनचेस्‍टर में किए गए हमले से एक बार फिर से आतंकियों ने अपनी मंशा साफ कर दी है। इस हमले में अब तक 20 लोगों की मोत हो चुकी है वहीं पचास से अधिक घायल हैं। मैनचेस्‍टर में हुए इस हमले के कई मायने हैं। यह हमला न सिर्फ आतंकियों की रणनीति को दर्शाता है बल्कि इस हमले के पीछे कुछ और भी वजहें हो सकती हैं। इनके पीछे ब्रिटेन को पटरी से उतारने की भी एक साजिश हो सकती है। हालांकि भी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्‍मेदारी नहीं ली है लेकिन हमले के पीछे आईएस और अलकायदा को माना जा रहा है। लेकिन यहां पर एक खास बात यह भी है कि आने वाले दो माह ब्रिटेन के लिए काफी मुश्किल साबित हो सकते हैं। इसकी वजह यह है कि ब्रिटेन में जून और जुलाई में कुछ बड़े स्‍पोटर्स इवेंट होने है, साथ ही आम चुनाव भी होना है।

loksabha election banner

और भी होने हैं एरियाना के कंसर्ट

मैनचेस्‍टर के स्‍टेडियम में धमाका उस वक्‍त किया गया जब वहां अमेरिकी पॉप सिंगर एरियाना ग्रैंड का कॉन्सर्ट चल रहा था। जिस स्‍टेडियम में यह धमाका हुआ वहां 21 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। हमला करने के पीछे मकसद अधिक से अधिक लोगों को मौत के नींद सुलाना था। यही वजह थी कि धमाके लिए कसंर्ट के खत्‍म होने का इंतजार किया गया था। हमलावर जानते थे कि कंसर्ट खत्‍म होने के साथ हीलोगों की भीड़ स्‍टेडियम से बाहर निकलने की कोशिश करेगी। यही वजह थी कि बम धमाके का वक्‍त यही रखा गया था।

एरियाना ग्रैंड ने ब्रिटेन के मैनचेस्टर में अपने कार्यक्रम में हुए धमाके के बाद पहली बार ट्विटर पर लिखा कि वह माफी चाहती हैं लेकिन इस वक्‍त को बयां करने के लिए उनके पास शब्‍द नहीं हैं। वह काफी टूटी हुई महसूस कर रही हैं। एरियाना का 25 और 26 मई को भी लंदन में कसंर्ट होना है। यह कसंर्ट लंदन के ओ 2 पेनिनसुला स्‍क्‍वायर में शाम सात बजे से रात दस बजे तक होना है। चलेगा फिलहाल इसको रद नहीं किया गया है।  लिहाजा उन्‍हें यहां पर काफी चौकस रहना होगा।

ब्रेक्जिट एक वजह

यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए दो साल का समय है। जून में होने वाले आम चुनाव से थेरेसा को उम्‍मीद है कि जनता ब्रेक्जिट के फैसले को सही करार देते हुए उन्‍हें जीत दिलाएगी। यूरोपीय संघ पर जनमत संग्रह के बाद पिछली जुलाई में ही थेरेसा प्रधानमंत्री बनी थीं। ब्रेक्जिट को लेकर शुरू हुई पूरी मुहिम के दौरान ही डेविड कैमरन ने ब्रिटेन के पीएम  को यूरापीय

यह भी पढ़ें: यूरोप को लग चुकी है आतंकियों की नजर, अब कैसे बचेंगे ये देश, जानें

ब्रिटेन में होने वाले आम चुनाव

यह हमला उस वक्‍त किया गया है जब कुछ समय बाद यहां पर आम चुनाव होने वाले हैं। लिहाजा इस हमले के कुछ खास मायने हैं। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ने थेरेसा मे ने आठ जून को आम चुनाव कराने का एलान किया है। हालांकि यह चुनाव समय से पूर्व कराए जा रहे हैं। यूरोपियन संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन में थेरेसा मे सत्‍ता पर काबिज हुई थीं। इसके बाद ही देश में दोबारा चुनाव करने की बात कही गई थी। उनके इस फैसले का हाउस ऑफ कामंस में दो तिहाई से अधिक सांसदों ने समर्थन किया था। ब्रेक्जिट की घोषणा से पहले ब्रिेटेन में वर्ष 2020 में आम चुनाव होने थे। 

चैंपियंस ट्राफी

अगले माह ब्रिटेन में क्रिकेट की चैंपियंस लीग शुरू हो रही है। मैनचेस्‍टर में कसंर्ट के दौराना हुए धमाके के बाद इस चैंपियंस लीग पर भी सवाल खड़े होने लाजमी है। बहुत हद तक मुमकिन है कि आतंकी इस दौरान होने वाले आयोजन को भी अपने निशाने पर रखें, क्‍योंकि यहां पर काफी संख्‍या में भीड़ जुटने की उम्‍मीद है। यूं भी ब्रिटेन में काफी संख्‍या में विदेशी रहते हैं, इनमें पाकिस्‍तानी और भारतीय भी शामिल हैं। भारत और पाकिस्‍तान में क्रिकेट सिर चढ़कर बोलने वाला खेल है जिससे यहां के लोग काफी जुड़े हुए हैं। ऐसे में आतंकियों के निशाने पर इस लीग के दौरान आने वाले दर्शक एक सॉफ्ट टार्गेट हो सकते हैं।

विंबल्‍डन

इसके अलावा जुलाई की शुरुआत में ब्रिटेन में विंबल्‍डन प्रतियोगिता होनी है। स्‍पोटर्स में यह भी बहुत बड़ा इवेंट है जो ब्रिटेन में होना है। इस दौरान टेनिस के स्‍टार खिलाड़ी यहां पर मौजूद रहेंगे। लिहाजा आतंकियों के निशाने पर यह भी हो सकते हैं।

इमिग्रेशन पॉलिसी बचाव का जरिया

रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञ अनिल कौल मानते हैं कि आतंकी संगठन एक खास वर्ग के लोगों को इस तरह के काम के लिए इस्‍तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि ब्रिटेन समेत पूरो यूरोप को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है कि वह अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव लाएं और यहां आने वाले हर व्‍यक्ति की पहचान करने और संतुष्‍ट होने के बाद ही उसको अपने यहां पर प्रवेश दें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.