भारत लौटने पर बोली गुरप्रीम, नरक से भी बदतर थे शरणार्थी शिविर के चार माह
जर्मनी के शरणार्थी शिविर से निकलर वापस भारत पहुंची गुरप्रीत कौर ने कहा कि उसके लिए यह चार माह नरक से भी बदतर थे। वह इन दिनों को अब याद भी नहीं करना चाहती है। अपनी वापसी के लिए उन्होंने भारत सरकार और 'दैनिक जागरण' का भी आभार व्यक्त किया।
नई दिल्ली। अक्षय कुमार की ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ के शरणार्थियों की तर्ज पर ढेर सारे दर्द-दुश्वारियों से दो-चार होती हुईं फरीदाबाद की गुरप्रीत कौर गुरुवार को जर्मनी से दिल्ली पहुंच गईं। गुरप्रीत आपबीती बयां करते हुए कई बार भावुक हुईं। उसने कहा-‘जर्मनी के शरणार्थी शिविर में गुजारे नरक से भी बदतर चार महीनों को जिंदगी में कभी याद नहीं करना चाहूंगी।’ उन्होंने स्वदेश वापसी की व्यवस्था के लिए केंद्र की सराहना की। दैनिक जागरण का भी आभार जताया।
गुरप्रीत की खबर पढ़कर मदद को आगे आईं सुषमा स्वराज
आठ साल की बेटी तयांशी के साथ गुरप्रीत एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआइ-120 से सुबह 9.45 बजे इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर उतरीं। वह करीब साढ़े तीन घंटे एयरपोर्ट पर ही रुकी रहीं। इस दौरान विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने उनसे घटना की जानकारी ली। एयरपोर्ट पर गुरप्रीत को लेने उनकी मां, पिता दीदार सिंह सहित छह लोग थे। दोपहर करीब 1.30 बजे के बाद वह एयरपोर्ट से निकलीं। उन्हें देखने वालों का खासा हुजूम था। मीडिया से बातचीत करने के बाद गुरप्रीत परिवार संग अपने घर फरीदाबाद के लिए रवाना हो गईं।
गुरप्रीत पर जो गुजरी :
दिल्ली की बेटी और फरीदाबाद की बहू गुरप्रीत के पति मनोज, ससुर और सास 2010 से गायब हैं। गुरप्रीत का आरोप है कि एक एजेंट सबसे मिलाने का झूठा आश्वासन देकर उन्हें जर्मनी लेकर गया था। लेकिन अफगानियों के शरणार्थी शिविर में छोड़कर फरार हो गया। इसमें ससुराल वालों की साजिश भी मानी जा रही है। उन्हें शिविर में बेटी संग चार माह तक तमाम दिक्कतें ङोलनी पड़ीं।
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पति की हत्या का शक :
जर्मनी के शरणार्थी शिविर से लौटीं दिल्ली की बेटी और फरीदाबाद की बहू गुरप्रीत कौर ने ससुरालियों (दो ननद और उनके पति) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पति मनोज की हत्या की आशंका जताई है। गुरप्रीत मजिस्ट्रेट के समक्ष इकबालिया बयान दर्ज कराने निकलीं। लेकिन तबीयत खराब होने से ऐसा नहीं कर सकीं। बाद में वह दिल्ली के जनकपुरी स्थित मायके चली गईं।
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