भारत ही नहीं, इस देश में भी तीन तलाक के मुद्दे पर लड़ा जा रहा चुनाव
ईरान में राष्ट्रपति के उम्मीदवारों के बीच बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, आवास, धन की कमी के कारण शादी रुकने और तलाक देने जैसे मामलों पर साढ़े तीन घंटे तक चर्चा चली।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले मतदान में बमुश्किल तीन हफ्ते बचे हैं। ऐसे में वहां चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को ईरान के सरकारी टेलीविजन पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का आयोजन हुआ। इसमें राष्ट्रपति के उम्मीदवारों के बीच बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, आवास, धन की कमी के कारण शादी रुकने और तलाक देने जैसे मामलों पर साढ़े तीन घंटे तक चर्चा चली। ईरान में 19 मई को चुनाव होने हैं।
राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी इब्राहिम रईस ने देश में तलाक की घटनाओं को बेरोजगारी से जोड़ा। उनकी दलील थी कि बेरोजगारी ही तलाक सहित अन्य सामाजिक बीमारियों को जन्म देती है।
मालूम हो, ईरान में तलाक देना बहुत कठिन है। वहां तीन तलाक भी प्रचलित नहीं है। हालांकि रोजगार के अवसर कम होने के कारण बहुत से नौजवान अपनी पत्नियों का खर्चा उठाने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं। यही वजह है कि तलाक की घटनाओं को रोजगार से जोड़कर देखा जा रहा है।
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कौन लड़ सकता है चुनाव
ईरान में वही चुनाव लड़ सकता है, जिसको 12 सदस्यों वाली शूरा निगहबान स्वीकृत देती है। शूरा निगहबान के छह सदस्यों का चयन सांसद करते हैं और छह का नामांकन रहबर इस्लामी इंकलाब की ओर से होता है। ईरानी संविधान के अनुसार, कोई व्यक्ति सिर्फ दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है।
इस बार छह लोगों को चुनाव में किस्मत आजमाने का मौका मिला है। इसमें सबसे बड़ा नाम मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी का है। उनके अलावा इब्राहिम रईस, तेहरान के मेयर मुहम्मद बाकिर कालीबाफ, इसहाक जहांगीरी, हाशमीताबा और मुस्तफा मीर सलीम भी मैदान में हैं।
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