इसरो के मंगल अभियान के तीन साल पूरे
450 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुए मिशन के जरिये मंगल ग्रह की स्थिति का पता लगाया जा रहा है।
बेंगलुरु, प्रेट्र। इसरो के मंगल अभियान के तीन साल पूरे हो गए हैं। इस अनूठी उपलब्धि से उत्साहित जनसंपर्क अधिकारी देवी प्रसाद कार्तिक का कहना है कि जो डाटा उन्हें मिला है उसकी वैज्ञानिक तरीके से विवेचना की जा रही है। कुल मिलाकर अभियान बेहद सफल हो रहा है।
भारत ने 24 सितंबर 2014 को लाल ग्रह की कक्षा में अंतरिक्ष यान को स्थापित कर दिया था। ये अनूठा काम पहले ही प्रयास में किया गया। ऐसा करके भारत विश्व के चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है। इसरो ने 24 सितंबर 2014 से लेकर 23 सितंबर 2016 तक का डाटा जारी किया।
एजेंसी का कहना है कि इसका इस्तेमाल देश भर के शोधार्थी कर सकेंगे। मार्च 2015 में बताया गया था कि अंतरिक्ष यान में छह माह के लिए अतिरिक्त ईधन पहुंचा दिया गया है, लेकिन इसरो के चेयरमैन एएस किरन कुमार ने जून 2015 में बताया था कि यान में इतना ईधन है जो कई सालों तक उसे मंगल की कक्षा में स्थापित रखने में कारगर साबित होगा।
450 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुए मिशन के जरिये मंगल ग्रह की स्थिति का पता लगाया जा रहा है। यान के कलर कैमरे ने अभी तक 715 फोटो खींचकर इसरो को उपलब्ध कराए हैं। हालांकि दो जून 2015 से लेकर दो जुलाई 2015 तक एक वक्त ऐसा भी आया जब यान से संपर्क टूट गया था।
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