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बलूचिस्तान में आइएस की उपस्थिति से डरा पाकिस्‍तान

बदली रणनीति के तहत पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ अब लश्कर के बजाय जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य आतंकी गुटों को जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। जिंदा पकड़े गए आतंकी सज्जाद के खुलासे पर यकीन करें तो पाकिस्तान अब कश्मीर में लश्कर की गतिविधियों को थामना चाह

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 07:06 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 08:46 AM (IST)
बलूचिस्तान में आइएस की उपस्थिति से डरा पाकिस्‍तान

श्रीनगर, [नवीन नवाज]। बदली रणनीति के तहत पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ अब लश्कर के बजाय जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य आतंकी गुटों को जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। जिंदा पकड़े गए आतंकी सज्जाद के खुलासे पर यकीन करें तो पाकिस्तान अब कश्मीर में लश्कर की गतिविधियों को थामना चाह रहा है। इसकी वजह पाकिस्तान में आइएसआइएस और लश्कर का संभावित गठजोड़ है।

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सज्जाद ने पूछताछ में कुछ बड़े खुलासे किए हैं। उसकी मानें तो बलूचिस्तान में आइएसआइएस ने दस्तक दे दी है। पाकिस्तान आइएसआइएस को भविष्य में अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मान रहा है। इसलिए दोनों के गठजोड़ को विफल करने की कवायद के तहत लश्कर की जम्मू-कश्मीर में गतिविधियों पर अंकुश लगाने लगा है।

पूछताछ कर रहे अधिकारियों के अनुसार, सज्जाद के पास पाकिस्तान में लश्कर के ढांचे की जानकारी का पूरा खजाना है। वह लश्कर के सभी प्रमुख कमांडरों के अलावा, पाकिस्तान की सरकार, सेना और विभिन्न सियासी संगठनों के साथ लश्कर के संबंधों के बारे में अच्छी जानकारी रखता है। सज्जाद ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आइएसआइएस की मौजूदगी का दावा करते हुए बताया कि लश्कर और आइएसआइएस की इस्लामिक विचारधारा एक-दूसरे से मेल खाती है। वह पाकिस्तान के साथ कश्मीर में भी अपना प्रभाव बनाना चाहता है। इसमें उसे लश्कर की मदद हो सकती है। पाकिस्तानी हुकूमत को डर है कि लश्कर के मुजाहिद आइएसआइएस के साथ मिल सकते हैं और फिर पाकिस्तान में खिलाफत हुकूमत हो जाएगी। पाकिस्तानी फौज और आइएसआइ अब लश्कर के कैंपों में छापे भी डालती है।

सज्जाद ने बताया कि पाकिस्तानी फौज एलओसी पर लश्कर के लड़कों पर कार्रवाई करती है। कई बार गिरफ्तार कर मुजफ्फराबाद के पास स्थित माचिस फैक्टरी भेज देती है, लेकिन लश्कर कमांडर छुड़ा लेते हैं। एलओसी पर पाकिस्तानी सेना की चौकियों के बीच की दूरी का फायदा उठाकर लश्कर के लड़ाके कश्मीर में आ जाते हैं।

पाकिस्तान में लश्कर के तीन लाख से ज्यादा मुजाहिद

सज्जाद की मानें तो इस समय पूरे पाकिस्तान में लश्कर के तीन लाख से ज्यादा मुजाहिद हैं। अगर पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ लश्कर की वित्तीय मदद रोक दे तो भी लश्कर को अपना गुट चलाने में कोई मुश्किल नहीं है। सज्जाद अहमद उर्फ उबैदुल्ला कहीं घबराया हुआ नजर नहीं आता है, वह पूरी तरह से जिहादी मानसिकता का है।

हाफिज सईद ने चुनाव में की थी नवाज शरीफ की मदद

लश्कर आतंकी के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ ने लश्कर की गतिविधियों पर अंकुश बीते साल नवंबर-दिसंबर के दौरान लगाना शुरू किया। उसके मुताबिक, फौज और आइएसआइ बेशक लश्कर के खिलाफ है, लेकिन प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ के हाफिज सईद के साथ अच्छे संबंध हैं। हाफिज ने चुनाव में उनकी मदद की है।

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