ट्विटर पर आइएस के एकाउंट की भरमार, नहीं लगी रोक
इंटरनेट पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) से निपटने में दुनियाभर की सुरक्षा एजेंसियों के पसीने छूट रहे हैं। हालत यह है कि केवल ट्विटर पर आइएस 45 हजार एकाउंट के साथ सक्रिय है, जबकि अभी तक केवल 800 एकाउंट पर रोक लग सकी है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। इंटरनेट पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) से निपटने में दुनियाभर की सुरक्षा एजेंसियों के पसीने छूट रहे हैं। हालत यह है कि केवल ट्विटर पर आइएस 45 हजार एकाउंट के साथ सक्रिय है, जबकि अभी तक केवल 800 एकाउंट पर रोक लग सकी है।
आइएस के एकाउंट चलाने वालों में अभी तक केवल मेहदी मसरूर विश्वास को गिरफ्तार किया जा सका है, जो बेंगलुरु से सामी विटनेस नाम से ट्विटर पर सक्रिय था। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों अमेरिका में किए गए एक सर्वे में आइएस के लगभग 45 हजार ट्विटर एकाउंट होने का खुलासा हुआ।
इन सभी एकाउंट के सहारे आइएस पूरी दुनिया में अपना भर्ती अभियान चलाता है और कट्टर युवाओं को आतंकी लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है। बेंगलुरु में मेहदी भी इसी तरह का ट्विटर एकाउंट चलाता था।
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सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर के एजेंसियों के लिए इन ट्विटर एकाउंट्स की पहचान कर उन्हे बंद कराने में मुश्किल हो रहा है। इनमें अधिकांश एकाउंट फर्जी नामों से चलाए जा रहे हैं। यही नहीं, किसी ट्विटर एकाउंट को बंद कराने में लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, तब तक आतंकी संगठन नए एकाउंट के सहारे सक्रिय हो जाता है।
फर्जी एकाउंट चलाने वालों की पहचान कर पाना और भी मुश्किल हो जाता है। इस आरोप में एकमात्र पकड़े गए मेहदी की पोल भी ब्रिटेन के एक समाचार चैनल ने खोली थी, न कि सुरक्षा एजेंसियों ने।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैसे तो आइएस के 45 हजार ट्विटर एकाउंट्स में से अधिकांश के 500 लोग तक ही फॉलो करते हैं, लेकिन कुछ एकाउंट्स को फॉलो करने वाली संख्या 20 हजार से भी ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के युवाओं को आतंकी युद्ध से जोड़ने से रोकने के लिए इंटरनेट से आइएस के दुष्प्रचार सामग्री को हटाना पहली प्राथमिकता है।
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