टाइगर मेमन ने की जेकेआईएफ की वित्तीय मदद: मजीद
मुंबई हमलों में शामिल आतंकियों को ट्रेनिंग कश्मीरी आतंकी संगठन इख्वान-उल-मुसलमीन (आईयूएम) के कैंपों में ही दी गई थी। यह दावा अब्दुल रज्जाक मेमन उर्फ टाइगर मेमन के साथ अपने रिश्ते स्वीकारते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक उस्मान मजीद ने किया। उन्होंने कहा कि टाइगर मेमन ने
जागरण ब्यूरो, श्रीनगर । मुंबई हमलों में शामिल आतंकियों को ट्रेनिंग कश्मीरी आतंकी संगठन इख्वान-उल-मुसलमीन (आईयूएम) के कैंपों में ही दी गई थी। यह दावा अब्दुल रज्जाक मेमन उर्फ टाइगर मेमन के साथ अपने रिश्ते स्वीकारते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक उस्मान मजीद ने किया। उन्होंने कहा कि टाइगर मेमन ने हमें जेकेआईएफ (जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट) के गठन में वित्तीय मदद भी दी।
उन्होंने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को पहले दिन से ही पता है कि दाऊद और टाइगर मेमन समेत मुंबई धमाकों के जिम्मेदार तत्व पाकिस्तान में कहां बैठे हैं। अलबत्ता, उस्मान मजीद ने टाइगर मेमन के छोटे भाई याकूब के साथ किसी तरह की मुलाकात से इन्कार किया है। गौरतलब है कि इख्वान-उल-मुसलमीन पहले स्टूडेंटस लिबरेशन फ्रंट था।
वर्ष 1995 में आईयूएम के कश्मीर लौटने वाले लगभग सभी प्रमुख कमांडरों ने मुख्यधारा में शामिल होकर सुरक्षाबलों के साथ मिलकर आतंकियों की कमर तोड़ने में अहम भूमिका निभाई।दैनिक जागरण से बातचीत में उस्मान मजीद ने कहा कि मैं याकूब मेमन को नहीं जानता। मेरी उससे मुलाकात भी नहीं हुई। मुझे सिर्फ इतना पता था कि वह टाइगर का भाई है।
टाइगर मेमन से मेरी मुलाकात इख्वान उल मुसलमीन के डिप्टी कमांडर हिलाल बेग ने गुलाम कश्मीर स्थित मुजफ्फराबाद में कराई थी। आईयूएम और जेकेआईएफ ने ही 1996-97 के दौरान दिल्ली में बम धमाके किए थे। हिलाल बेग वर्ष 1996 में श्रीनगर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। टाइगर मेमन के साथ अपनी मुलाकातों का जिक्र करते हुए पूर्व आईयूएम कमांडर उस्मान मजीद ने कहा कि मुंबई धमाकों के लगभग एक माह बाद बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान और फिर गुलाम कश्मीर गया था।
मैं करीब तीन से चार बार मेमन से मिला। मेरी उससे अंतिम मुलाकात जनवरी 1995 में हुई। उस्मान मजीद ने हिलाल बेग का हवाला देते हुए कहा कि मुंबई धमाकों से काफी समय पहले ही मुझे मुजफ्फराबाद से भेजे अपने संदेशों में हिलाल ने बताया था कि कुछ बड़ा होने वाला है। आइएसआइ ने ही टाइगर को हिलाल से मिलवाया था और मुंबई हमलों में शामिल लोगों को हमारे कैंपों में ट्रेनिंग के लिए 1993 की शुरुआत में भेजा था।
यह हमले आठ शहरों में किए जाने थे, लेकिन किन्हीं कारणों से सिर्फ मुंबई में ही हो सका। टाइगर मेमन ने हमें जेकेआईएफ के गठन में वित्तीय मदद भी दी। उसने ही काठमांडु, मंुबई और दिल्ली में हमारे कैडर के लिए घर का भी बंदोबस्त किया।उस्मान मजीद के अनुसार, याकूब मेमन के पकड़े जाने के बाद टाइगर बहुत घबराया हुआ था। वह एक दिन अचानक ही कराची से निकल कर पेशावर में छिप गया फिर दुबई चला गया। उसे वापस लाने में आइएसआइ को बड़ी मेहनत करनी पड़ी।
आइएसआइ को डर था कि वह भी अपने भाई की तरह सरेंडर कर देगा। टाइगर मेमन के कश्मीर में होने की अफवाहों और तस्वीरों के बारे में पूछे जाने पर उस्मान मजीद ने हंसते हुए कहा कि वह सिर्फ एक ड्रामा था। यह पूछे जाने पर क्या कभी टाइगर मेमन को मुंबई हमलों के लिए अफसोस था उस्मान मजीद ने कहा कि मैंने जब उससे इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि मुंबई दंगों का बदला लेना था।
दंगों के बाद कई मुस्लिम औरतें उसके पास आई। उन्होंने उसे चूडि़यां थमाई थी। कांग्रेस विधायक ने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को पूरा पता है दाऊद व टाईगर समेत मुंबई के सभी गुनाहगार कहां-कहां हैं।