आखिर धौनी ने ऐसा क्यों किया, क्या वो उनका गुस्सा था?
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को कैप्टन कूल के नाम से भी जाना जाता है और इसका कारण है मैदान पर उनका संयम और स्वभाव।
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को कैप्टन कूल के नाम से भी जाना जाता है और इसका कारण है मैदान पर उनका संयम और स्वभाव। वो जल्दी नाराज नहीं होते और न ही अपना धैर्य खोते हैं....लेकिन सोमवार को चैंपियंस लीग टी20 के मैच में कुछ अजीब देखने को मिला। मैच में धौनी ने एक ऐसा फैसला लिया जो शायद एक बड़ा सवाल बन सकता है, उससे भी बड़ा सवाल ये होगा कि क्या धौनी का ये फैसला उनके गुस्से का नतीजा था?
- क्या था वो फैसला?
चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम ने डॉल्फिंस की टीम को 243 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था और ऐसे में जब धौनी की टीम गेंदबाजी करने उतरी तो उनके सभी गेंदबाजों को ये अंदाजा था कि वे बिना दबाव के गेंदबाजी कर सकते हैं। जाहिर है कि इस मैच में धौनी आसानी से किसी भी गेंदबाज को गेंद थमा सकते थे और उन्होंने ऐसा किया भी। नेहरा, मोहित शर्मा, ड्वेन ब्रावो, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और यहां तक कि पार्ट टाइम गेंदबाज सुरेश रैना से भी गेंदबाजी कराई गई। क्या इसमें एक नाम की कमी नजर नहीं आ रही? जी हां, हम बात कर रहे हैं युवा तेज गेंदबाज इश्वर पांडे की। पांडे टीम में थे और पूरी तरह से फिट मैदान पर मौजूद भी थे लेकिन फिर भी धौनी ने उनको एक ओवर तक फेंकने नहीं दिया।
- क्या 'कैप्टन कूल' हो गए थे 'हॉट'?:
दरअसल, पारी के छठे ओवर के दौरान जडेजा ने डॉल्फिंस के बल्लेबाज महाराज को गेंद फेंकी जिस पर महाराज ने फाइन लेग दिशा में शॉट खेला। शॉर्ट फाइन लेग पर इश्वर पांडे मौजूद थे, गेंद सीधे उनके हाथों में आई और वो इसे आसानी से पकड़ सकते थे लेकिन पांडे न जाने किन ख्यालों में खोए हुए थे कि गेंद उनके हाथ से निकलकर चौके के लिए चली गई। धौनी सहित सभी खिलाड़ी व दर्शक इस खराब फील्डिंग से बेहद नाराज दिखे। जहां एक भी रन नहीं आना था, वहां विरोधी टीम को चौका मिल चुका था। ऐसे में क्या उस एक किस्से को ही वो कारण माना जाए कि धौनी ने इश्वर पांडे को गेंदबाजी न कराने का फैसला ले डाला? क्योंकि इश्वर फील्डिंग करने उतरे थे यानी वो पूरी तरह फिट भी थे और अगर उनको मैच में खिलाया गया था तो यानी पिच के हिसाब से भी वो परफेक्ट थे। धौनी ने मैच में तीन स्पिनरों को उतारा और एक भी ज्यादा सफल होता नहीं दिखा, यानी इश्वर पांडे के रूप में विकल्प तैयार था, उसके बावजूद उनके हाथ में गेंद क्यों नहीं थमाई गई जबकि पिछले मैच में उनसे कोटे के पूरे चार ओवर फिंकवाए गए थे।