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डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस पहुंचाना चाहते हैं रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन?

अमेरिका में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल देने की बात सामने आ रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि रूस डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस पहुंचाना चाहता है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 04:32 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 06:30 PM (IST)
डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस पहुंचाना चाहते हैं रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन?

वाशिंगटन, द नेशनल। अमेरिका में होने जा रहे 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैंपेन जोर-शोर से चल रहा है।प्रचार के दौरान दोनों ही पार्टियों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर इस चुनाव में अमेरिका के विरोधी रूस का नाम भी उछाला जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन इस चुनाव में अपने और रूस के दोस्त डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस पहुंचाना चाहते हैं।

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पिछले हफ्ते, एक कार्यक्रम ‘संडे टॉक शो’ में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के कैंपेन मैनेजर रोबेई मूक ने इस साजिश को आधिकारिक तौर पर बताया। उन्होंने रूस के हैकरों पर डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (DNC) के उस मेल को लीक करने का आरोप लगाया है जिसमें ये कहा गया है कि पार्टी गुप्त तौर पर हिलेरी के विरोधी बर्नी सैंडर्स को नोमिनेशन नहीं देना चाहती थी। डीएनसी के इस ई-मेल के लीक हो जाने के बाद व्यापक तौर पर प्रतिक्रिया सामने आयी।

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हालांकि, इस बात को लेकर काफी समय से संदेह किया जा रहा था। लेकिन, इस मेल को ऐसे समय पर उजागर किया गया, जब क्लीवलैंड में रिपब्लिकन कन्वेंशन का आयोजन खत्म हुआ था। इसके साथ ही, हफ्ते की आखिरी शाम को फिलाडेल्फिया में डेमोक्रेटिक पार्टी के लोग एक जगह पर भाईचारे के लिए इकट्ठा हो रहे थे।

लेकिन, उस आयोजन में सैंडर्स के कट्टर समर्थक गुस्से और विद्रोही मुद्रा में थे। पार्टी के एकजुटता की छवि में दरार साफ दिख रही थी। ऐसे में सवाल उठता है कि उस मेल के लीक का आखिर जिम्मेवार कौन है?

निश्चित तौर पर, जानकारों का कहना है कि प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर इसमें रूस का ही हाथ है। उसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि क्रेमलिन का ऐसा करने का लंबा इतिहास रहा है और यूरोप की अंदरूनी राजनीति में वो लगातार दखल देता रहा है। जिस वक्त जून के मध्य में डीएनसी हैक को सार्वजनिक किया गया तो ये पता चला कि इसमें रूस के एजेंट ही मुख्य संदिग्ध थे।

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क्रेमलिन ये चाहता कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हो। इसके कई कारण हैं। सबसे पहला रूस का भू-राजनीतिक मकसद नाटो को कमजोर करना या उसे तोड़ना है और उन देशों पर फिर से नियंत्रण स्थापित करना है जो पुराने सोवियत संघ का हिस्सा रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार की तरफ से दिए गए विचार रूस के इस मकसद को पूरा करने में मदद करेगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने ना केवल पुतिन को मजबूत और निर्णायक कह कर उनकी प्रशंसा की बल्कि इसके जवाब में रूस के राष्ट्रपति ने भी ट्रंप की तारीफ की थी।


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