'मां की तरह बंधकों को लेकर चिंतित है सरकार'
इराक के मोसुल में बंधक 41 भारतीयों को छुड़ाने के लिए मोदी सरकार कूटनीतिक रणनीति का सहारा लेने के साथ ही विद्रोहियों की संवेदना को भी जगाने की कोशिश कर रही है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार बंधकों को लेकर मां की तरह चिंतित है और उन्हें छुड़ाने के लि
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। इराक के मोसुल में बंधक 41 भारतीयों को छुड़ाने के लिए मोदी सरकार कूटनीतिक रणनीति का सहारा लेने के साथ ही विद्रोहियों की संवेदना को भी जगाने की कोशिश कर रही है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार बंधकों को लेकर 'मां' की तरह चिंतित है और उन्हें छुड़ाने के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजाना तौर पर इराक की जानकारी लेते हैं।
लोकसभा में इराक मुद्दे पर बुधवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव था। सुषमा ने इराकी विद्रोहियों को याद दिलाया कि भारत ने उस वक्त भी अपनी सेना नहीं भेजी थी जब अमेरिकी सेना इराक की जमीन पर उतरी थी। लिहाजा, अच्छे संबंधों का ख्याल करें और ईद के तोहफे के रूप में उन भारतीय बंदियों को रिहा करें।
सुषमा ने बताया कि 22 जुलाई तक 4000 भारतीय वापस आ गए हैं जिसमें 3113 को वापस आने के लिए एयर टिकट से लेकर दूसरी मदद दी गई। उन्होंने कहा कि 41 भारतीय अभी बंधक हैं। सरकार बंधकों को छुड़ाने के लिए भी उस स्तर पर कोशिश कर रही है जैसे एक मां अपने बच्चे के लिए करेगी। खुद प्रधानमंत्री पूरे मुद्दे पर इतने गंभीर है कि रोजाना जानकारी लेते हैं। सुषमा ने कहा कि संसद से भी एक संदेश जाना चाहिए। बंधक बनाने वालों से अपील होनी चाहिए कि भारत के संबंधों को देखते हुए उन भारतीयों को रिहा करें ताकि वह ईद से पहले अपनी जमीन पर आ सकें। खुली हवा में सांस ले सकें। वैसे सुषमा ने यह भी आश्वस्त किया कि सभी बंधक कुशल से हैं। उन्हें खाना मिल रहा है। जो अभी बंधक हैं उसमें से 31 पंजाब के रहने वाले हैं जबकि चार-चार हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के। एक-एक व्यक्ति असम और पश्चिम बंगाल के हैं। सुषमा ने कुछ सदस्यों के उन सुझावों को नकार दिया जिसमें इन बंदियों की ऋण माफी या पुनर्वास की बात कही गई थी। सुषमा ने कहा कि यह राज्य से संबंधित विषय है। इस पर राज्यों को फैसला लेना होगा।