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असहिष्णुता होती तो नागरिकता की अर्जी नहीं देता : अदनान सामी

सोलह वर्षो से भारत में रह रहे पाकिस्तानी गायक अदनान सामी ने कहा है कि अगर भारत असहिष्णु होता तो वह नागरिकता की मांग नहीं करते। देश में कथित तौर पर असहिष्णुता को लेकर कई लेखक अपना पुरस्कार लौटा चुके हैं। यहां अदनान सामी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में

By Mohit TanwarEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2015 06:00 PM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2015 06:08 PM (IST)
असहिष्णुता होती तो नागरिकता की अर्जी नहीं देता : अदनान सामी

नई दिल्ली। सोलह वर्षो से भारत में रह रहे पाकिस्तानी गायक अदनान सामी ने कहा है कि अगर भारत असहिष्णु होता तो वह नागरिकता की मांग नहीं करते। देश में कथित तौर पर असहिष्णुता को लेकर कई लेखक अपना पुरस्कार लौटा चुके हैं। यहां अदनान सामी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा, 'यदि भारत में असहिष्णुता होती तो क्या मैं यहां की नागरिकता लेने के लिए आग्रह करता? मैं मानता हूं कि हमरा काम, शब्दों से ज्यादा ताकतवर होता है।' अदनान को अगस्त में भारत में रहने की अनुमति मिली थी।

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पाकिस्तानी गायक पर्यटक वीजा पर मार्च, 2001 में भारत आए थे। पाकिस्तान के गजल गायक गुलाम अली को मुंबई में कार्यक्रम नहीं करने देने को सामी ने गलत करार दिया और कहा, गुलाम अली को कार्यक्रम करने देना चाहिए था। संगीत का न कोई रंग होता है न ही मजहब। यदि मुझे कोई संगीत या कोई गाना पसंद है तो भाषा के बारे में भी नहीं सोचता हूं। गायक के रंग, जाति, धर्म या देश की परवाह नहीं करता हूं।


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