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अपने अंतिम सफर पर मुंबई से कोच्चि रवाना हुआ आईएनएस विराट

1997 में आईएनएस विक्रांत की सेवानिवृत्ति के बाद से आईएनएस विराट भारतीय नौसेना का एकमात्र विमानवाहक पोत रहा है

By anand rajEdited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 07:32 PM (IST)
अपने अंतिम सफर पर मुंबई से कोच्चि रवाना हुआ आईएनएस विराट

मुंबई। करीब 30 साल तक भारतीय नौसेना की सेवा में रहा विशालकाय विमानवाहक पोत आईएनएस विराट आज मुंबई से अपने आखिरी सफर पर कोच्चि के लिए रवाना हो गया। यह 27 जुलाई को दक्षिणी नौसेना कमांड पहुंचेगा जहां इससे इंजन, रडार, तोप जैसे सभी मूल्यवान उपकरण हटा दिये जायेंगे। अगले महीने इसे फिर मुंबई लाया जाएगा, जहां इसे नौसेना से औपचारिक निवृत्ति दे दी जाएगी।

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नौसेना के एक अधिकारी के अनुसार शनिवार को दोपहर बाद विराट भारतीय नौसेना के मुंबई स्थित पश्चिमी कमांड क्षेत्र से अपने अंतिम सफर पर रवाना हुआ। कोच्चि पहुंचने पर इसे कुछ समय के लिए ड्राई डॉक में रखा जाएगा, जहां इसके इंजन, राडार एवं हथियार इत्यादि महत्त्वपूर्ण हिस्से निकाल लिए जाएंगे। इंजन निकाले जाने के बाद यह विशालकाय जहाज नौसेना के दूसरे जहाजों की मदद से खींचकर पुनः मुंबई लाया जाएगा और फिर इसे सेवानिवृत्ति दी जाएगी।

नेवी में कब हुआ था शामिल

आईएनएस विराट 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था। 750 फुट लंबे एवं 28,500 टन के इस विमानवाहक पोत से सी हैरियर युद्धक विमान एवं सी-किंग, कामोव, एएलएच एवं चेतक हेलीकॉप्टर उड़ान भरा करते थे। विराट पर 1600 नौसैनिकों एवं अधिकारियों का स्टाफ रहा करता था।

अपने अंतिम सफर पर निकलते समय आईएनएस विराट दुनिया का सबसे पुराना विमानवाहक पोत होने का गिनीज रिकॉर्ड भी अपने नाम कर चुका है।

कब हुआ था निर्माण


इस विशालकाय विमानवाहक पोत का निर्माण इंग्लैंड के विकर्स शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियरिंग लि. द्वारा 1944 से 1953 के बीच किया गया था। यह 18 नवंबर, 1959 को एचएमएस हर्मिस के नाम से ब्रिटेन की रॉयल नेवी में शामिल हुआ था। एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में प्रिंस चार्ल्स ने 1975 में एचएमएस हर्मिस पर ही अपना प्रशिक्षण पूरा किया था। 1982 के फाकलैंड युद्ध में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद 1985 में एचएमएस हर्मिस को रॉयल नेवी से सेवामुक्त कर दिया गया था। 12 मई, 1987 से यह भारतीय नौसेना की सेवा में है।

1997 में आईएनएस विक्रांत की सेवानिवृत्ति के बाद से आईएनएस विराट भारतीय नौसेना का एकमात्र विमानवाहक पोत रहा है। दो साल पहले 2014 में रूस से लिया गया एक और विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य अब भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है। एक और स्वदेशी विमानवाहक पोत कोच्चि में तैयार हो रहा है। जिसे निकट भविष्य में आईएनएस विक्रांत के नाम से भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की योजना है।

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