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मुंबई : वॉरशिप INS बेतवा दुर्घटनाग्रस्त; दो सैनिकों की मौत, 15 घायल

नेवी ने इस घटना की पुष्टि की है। इस हादसे में कई लोगों के घायल होने की भी बात सामने आई है। हालांकि सभी की हालत स्थिर बनी हुई है। इसके साथ ही दो क्रू मेंबर के लापता होने की भी खबर है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Mon, 05 Dec 2016 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 07:43 PM (IST)
मुंबई : वॉरशिप INS बेतवा दुर्घटनाग्रस्त; दो सैनिकों की मौत, 15 घायल

राज्य ब्यूरो, मुंबई: नौसेना का युद्धपोत आईएनएस बेतवा आज ड्राई डॉक से समुद्र में उतारते समय पलट गया। इस हादसे में दो नौसैनिक मारे गए हैं और 14 घायल हो गए हैं।

नौसेना के प्रवक्ता कैप्तन डी.के.शर्मा के अनुसार यह हादसा आज दोपहर करीब 1.50 बजे हुआ। 3,850 टन के 126 मीटर लंबे इस युद्धपोत को मरम्मत के लिए ड्राई डॉक में लाया गया था। आज उसे ड्राई डॉक से पुनः समुद्र में उतारा जा रहा था। उसी समय किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण यह विशाल युद्धपोत अपने बाईं ओर पूरी तरह पलट गया।

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शर्मा के अनुसार ऐसा हादसा नौसेना के इतिहास में पहली बार हुआ है। इससे पहले इतना बड़ा जहाज पलटने की कोई घटना नौसेना में नहीं मिलती। नौसेना सूत्रों के अनुसार दुर्घटना के समय जहाज पर 16 सैनिक मौजूद थे। उनमें से 14 घायल सैनिकों को कुछ देर में ही बाहर निकालकर नौसेना के अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी में इलाज के लिए भेज दिया गया। दो लापता नौसैनिकों की तलाश गोताखोरों द्वारा की जा रही थी। लेकिन शाम तक उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है।

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आईएनएस बेतवा (एफ-39) करीब एक दशक से नौसेना की सेवा में है। विंध्य क्षेत्र की बेतवा नदी के नाम पर इसका नामकरण किया गया है। इसका निर्माण नौसेना की युद्धपोत निर्माण परियोजना 16ए के तहत कोलकाता के गार्डन रिच शिपयार्ड में किया गया था। इसी श्रेणी के दो और युद्धपोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र एवं आईएनएस ब्यास भी नौसेना की सेवा में हैं। आईएनएस बेतवा गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है।

इसका उपयोग 2012 में सोमालिया के समुद्री डाकुओं के विरुद्ध चलाए गए अभियान में किया जा चुका है। उससे पहले इज्रायल-लेबनान युद्ध के समय भारतीयों को सुरक्षित निकालने में भी इसका उपयोग हुआ है। मुंबई में नौसेना प्रवक्ता कमांडर राहुल सिन्हा के मुताबिक दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। नौसेना ने रविवार, 4 दिसंबर को ही धूमधाम से भारतीय नौसेना दिवस मनाया था। अगले दिन ही इस प्रकार की दुर्घटना नौसेना के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।

पहले हुई दुर्घटनाएं –
जनवरी 2014 – आईएनएस बेतवा के ही निचले हिस्से में कोई चीज टकरा जाने से इसके सोनार डोम को क्षति पहुंची थी। जिसकी मरम्मत कर दी गई थी।
जनवरी 2014 – किलो-क्लास पनडुब्बी आईएनएस सिंधुघोष मुंबई हार्बर पर वापसी के समय समुद्र में भाटा की स्थिति होने के कारण जमीन से छू गई थी। इस पनडुब्बी में कोई खास नुकसान नहीं हुआ था।
दिसंबर 2013 – विशाखापत्तनम में आईएनएस कोंकण के इंजन रूम में आग लग गई थी।
दिसंबर 2013 – आईएनएस तलवार से कोंकण के रत्नागिरि जिले के पास मछुवारों की एक नौका टकरा गई थी। इससे आईएनएस तलवार को हल्की क्षति पहुंची थी।
अगस्त 2013 – किलो क्लास पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक भीषण विस्फोट के कारण तहस-नहस हो गया था। इस दुर्घटना में पनडुब्बी में मौजूद करीब 18 जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

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