इंफोसिस: सिक्का के इस्तीफे के बाद बायबैक पर फैसला आज
इंफोसिस आज इक्विटी शेयर्स के बायबैक पर फैसले के लिए एक बैठक करने जा रही है
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस आज इक्विटी शेयर्स के बायबैक पर विचार करेगी। इसके लिए आज एक बैठक बुलाई गई है। यह बैठक इसलिए दिलचस्प है क्योंकि कंपनी बायबैक पर फैसला ऐसे समय पर कर रही है जब बीते दिन कंपनी के सीईओ ने इस्तीफा दिया है। हालांकि बायबैक पर होने वाली यह बैठक पहले से तय थी, वहीं इंफोसिस के चेयरमैन आर शेषशाई ने शुक्रवार को कहा था कि बायबैक पर फैसला सिक्का के इस्तीफे से प्रभावित नहीं होगा।
देश की नंबर दो सॉफ्टवेयर सर्विस प्रदाता कंपनी ने इस वर्ष अप्रैल में बताया था कि वह वित्त वर्ष 2018 में शेयरधारकों को लाभांश (डिविडेंड) या शेयर पुनर्खरीद (बायबैक) के जरिए 1300 करोड़ रुपए तक का भुगतान करेगी। इसमें आगे कहा गया था कि पेआउट के तरीके को बाद में बोर्ड की ओऱ से तय किया जाएगा।
आईटी कंपनियां अपने मुख्य कारोबार में धीमी वृद्धि के बीच शेयरधारकों को भुगतान को लेकर दबाव में हैं। ऑटोमेशन और कुछ देशों में वीजा पर सख्त नीतियों जैसे तकनीकी बदलावों ने भारतीय आईटी के समग्र विकास को नुकसान पहुंचाया है।
विशाल सिक्का को मिला इंफोसिस बोर्ड का साथ, कहा कंपनी ने खो दिया एक अहम सीईओ
इंफोसिस से इस्तीफे के कुछ देर बाद कंपनी बोर्ड ने विशाल सिक्का का साथ दिया है। बोर्ड का कहना है कि कंपनी ने एक अहम सीईओ को खो दिया है। आपको बता दें कि बीते कुछ महीनों से पूर्व संस्थापकों की ओर से जताई जा रही आपत्तियों के बीच सिक्का ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है। सिक्का ने अपने इस्तीफे का कारण बीते कुछ महीनों से उन पर हो रहे व्यक्तिगत हमलों को बताया है। उन्होंने कंपनी को भेजे गए अपने नोटिस में कहा है कि उन्हें कंपनी की महान क्षमताओं में विश्वास है, लेकिन बीते कुछ महीनों से लोगों का ध्यान बंटाने वाली कुछ ऐसी बातें सामने आ रही हैं जो उन्हें भी प्रभावित कर रही हैं।
बोर्ड ने सिक्का के बारे में क्या कहा:
बोर्ड ने कंपनी में काफी सारे सकारात्मक बदलावों के लिए विशाल सिक्कान को श्रेय दिया है। बोर्ड का कहना है कि इंडस्ट्री और कंपनी के लिए सिक्का का विजन आगे भी हमें नए लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार होगा। बोर्ड ने यह भी कहा कि कंपनी ने एक बहुमूल्य सीईओ को खो दिया है। बोर्ड ने जब लगाए गए आरोपों की जांच में इन सभी आरोपों को आधारहीन पाया है। साथ ही बोर्ड ने सभी आलोचनाओं की निंदा करते हुए कहा कि इससे कंपनी के कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित हुआ है।