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इंद्राणी को आया होश, हालत खतरे से बाहरः डॉ लहाणे

शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की हालत अब खतरे से बाहर है। जेजे अस्पताल के डीन डॉ. टीपी लहाणे ने बताया कि इंद्राणी को होश आ चुका है, लेकिन वो अब भी नींद में हैं। पूरी तरह से होश में आने में वक्त लगेगा।

By Sachin kEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2015 08:10 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2015 03:58 PM (IST)
इंद्राणी को आया होश, हालत खतरे से बाहरः डॉ लहाणे

मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की हालत अब खतरे से बाहर है। जेजे अस्पताल के डीन डॉ. टीपी लहाणे ने बताया कि इंद्राणी को होश आ चुका है, लेकिन वो अब भी नींद में हैं। पूरी तरह से होश में आने में वक्त लगेगा। इंद्राणी ने खुदकुशी का प्रयास किया या नहीं, इस बात को लेकर रहस्य अब भी बना हुआ है। ड्रग ओवरडोज को लेकर दो विरोधाभासी रिपोर्टें आई हैं।

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इंद्राणी को शुक्रवार को बेहोशी की हालत में भायखला जेल से जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जेजे अस्पताल के डीन डॉ. टीपी लहाणे ने बताया कि हिंदूजा हॉस्पिटल की लैबोरेटरी से मिली यूरिन सैंपल की रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि उनके शरीर में एंटी डिप्रेसंट (अवसादरोधी) बेंजोडायजेपाइन की मात्रा बढ़ी हुई थी। आम तौर पर मरीज अवसादरोधी दवा लेता है तो यूरिन में बेंजोडायजेपाइन का स्तर 200 रहता है, लेकिन हिंदूजा की रिपोर्ट के मुताबिक यह स्तर 2088 था। रिपोर्ट ड्रग ओवरडोज को लेकर पॉजिटिव है। इंद्राणी के बेहोश होने का कारण भी यही है। मिर्गीरोधी दवा का परीक्षण नकारात्मक आया है। दूसरी ओर, गैस्ट्रिक टेस्ट में ड्रग का पता नहीं चला है। अब कलिना फॉरेंसिक लैबोरेटरी को भेजे गए ब्लड व यूरिन के सैंपल की रिपोर्टों से अंतिम निष्कर्ष मिल पाएगा।

डॉक्टरों के मुताबिक, इंद्राणी की जिंदगी पर अगले 48 घंटे तक खतरा बरकरार है। इसके बाद ही हम कह पाएंगे की उसकी हालत में सुधार हुआ या नहीं। अभी वह गहरी नींद में है लेकिन उसका ब्लड प्रेशर व पल्स सामान्य हैं। वह वेंटिलेटर पर नहीं है, लेकिन खुद से सांस नहीं ले पाने के कारण उसे ऑक्सीजन लगाया गया है।
मिर्गीरोधी दवा ले रही थीं

इस बीच, आईजी (जेल) ने जेल अधिकारियों व मेडिकल स्टाफ की लापरवाही समेत इस मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। अस्पताल को जेल प्रशासन से मिले रिकॉर्ड के मुताबिक इंद्राणी पिछले 11 सितंबर से एपिलेप्सी की दवा ले रही थीं। माना जा रहा है कि गुवाहाटी में अपनी मां के निधन की जानकारी मिलने पर वह डिप्रेशन में चली गई थी। इंद्राणी को 12 से 25 सितंबर तक जेजे अस्पताल के डॉक्टर ने डिप्रेशन की दवा भी दी थी।

जांच में इस बात का पता लगाया जाएगा कि इंद्राणी ने इतनी दवा कैसे जमा कर ली। महाराष्ट्र के गृृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सतवीर सिंह ने बताया कि जेल प्रशासन की निगरानी में इंद्राणी को सुबह और शाम एपिलेप्सी का एक-एक टैबलेट दिया गया। लेकिन उसने सभी को जमाकर शुक्रवार को एक ही साथ खा लिया। इसकी जांच की जाएगी।

इस बीच, इंद्राणी की वकील गुंजन मंगला ने उससे मिलने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी है। अपनी अर्जी में उन्होंने कहा कि उन्हें अस्पताल में अपने मुवक्किल से मिलने से रोक दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने अस्पताल से इंद्राणी की स्वास्थ्य रिपोर्ट तलब की और सुनवाई अगले सप्ताह तक स्थगित कर दी।

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