पांच दर्जन बिंदुओं पर सहमति के संकेत
मोदी-ओबामा वार्ता का सबसे अहम बिंदु परमाणु करार जरूर था, लेकिन अमेरिका और भारत के रिश्तों की मजबूती दूसरे क्षेत्रों में भी ध्यान रखी गई। वस्तुत: इन रिश्तों का आधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सितंबर में अमेरिका दौरे के समय ही रखी गई थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोदी-ओबामा वार्ता का सबसे अहम बिंदु परमाणु करार जरूर था, लेकिन अमेरिका और भारत के रिश्तों की मजबूती दूसरे क्षेत्रों में भी ध्यान रखी गई। वस्तुत: इन रिश्तों का आधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सितंबर में अमेरिका दौरे के समय ही रखी गई थी।
रविवार को सरकार ने ऐसे लगभग पांच दर्जन बिंदुओं पर अमेरिका के साथ सहयोग की आशा जताई, जिसमें 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन में अमेरिकी सहयोगी की भी बात की गई।
मोदी की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना पर अमेरिका के साथ तीन सहमति पत्र के साथ-साथ रविवार को रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआइ) जैसे समझौते अहम थे। इसके तहत विमान प्रौद्योगिकी और जेट इंजन प्रौद्योगिकी के स्थानांतरण हो सकते हैं।
सितंबर में मोदी की अमेरिका यात्रा के वक्त 'चलें साथ-साथ' कार्यक्रम के तहत भारत में विकास के लिए तकनीक जैसे मुद्दों पर बात हुई थी। रविवार को उसे फिर से दोहराया गया। संयुक्त बयान के बाद भारत की ओर से पुराने सभी मुद्दों की याद दिलाते हुए संकेत दिया गया कि ओबामा की भारत यात्रा मोदी की अमेरिकी यात्रा का ही विस्तार है।