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टीम इंडिया का 11वां ऑस्ट्रेलियाई दौरा, क्या बदलेगा इतिहास ?

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए आजादी के बाद से यह ग्वारहवां मौका है जब वो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने गई है। इस बार भारतीय टीम के तेवर बदले हुए हैं और टीम युवा खिलाड़ियों से भरी हुई है मगर इस बार भी सवाल वही है कि क्या ऑस्ट्रेलियाई

By sanjay savernEdited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 04:26 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 08:01 AM (IST)
टीम इंडिया का 11वां ऑस्ट्रेलियाई दौरा, क्या बदलेगा इतिहास ?

नई दिल्ली, (संजय सावर्ण) । भारतीय क्रिकेट टीम के लिए आजादी के बाद से यह ग्वारहवां मौका है जब वो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने गई है। इस बार भारतीय टीम के तेवर बदले हुए हैं और टीम युवा खिलाड़ियों से भरी हुई है मगर इस बार भी सवाल वही है कि क्या ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टीम इंडिया टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब हो पाएगी।

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टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट इतिहास इतना खराब है जिसके बारे में जानकार आप भी चौंक जाएंगे। इस दौरे से पहले भारतीय टीम दस बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई मगर अफसोस भारतीय टीम वहां एक बार भी जीतने में कामयाब नहीं हो पाई। दस टेस्ट सीरीज में से सात में भारत को हार का सामना करना पड़ा और तीन टेस्ट सीरीज ड्रॉ रहे। आइए एक नजर डालते हैं आजादी के बाद भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर।

पहला दौरा (1947- 48)

भारतीय टीम पहली बार लाला अमरनाथ की अगुआई में वर्ष 1947 नवंबर में ऑस्ट्रेलिया गई थी। ये टेस्ट सीरीज फरवरी 1948 तक खेली गई। इस सीरीज में भारतीय टीम का सामना हुआ था सर डॉन ब्रेडमैन की ऑस्ट्रेलियाई टीम से और भारत को ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज में 4-0 से हरा दिया था। पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज में एक मैच ड्रॉ रहा था।

दूसरा दौरा (1967- 68)

इस दौरे पर भारतीय टीम की अगुआई कर रहे थे मंसूर अली खां पटौदी, हालांकि पहले टेस्ट में टीम की कप्तानी चंदू बोर्डे ने की थी। इस बार भी नतीजा भारतीय टीम के पक्ष में नहीं रहा और भारत ने ये टेस्ट सीरीज 4-0 से गवां दिया।

तीसरा दौरा (1977-78 )

बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में पहली बार भारतीय टीम ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में से दो टेस्ट मैचों में जीत हासिल की। हालांकि भारत ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-2 से हार मिली।

चौथा दौरा (1980- 81)

इस बार भारतीय टीम की कमान थी सुनील गावस्कर के हाथों में। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक-एक मैच जीते जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। ये पहला मौका था जब भारत ने यहां टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराई।

पांचवां दौरा (1985-86)

कपिल देव की कप्तानी में इस बार भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया। हालांकि भारतीय टीम कोई भी टेस्ट मैच जीतने में सफल नहीं रही मगर किसी मैच को गंवाया भी नहीं। तीन टेस्ट मैचों की ये सीरीज ड्रॉ रही और तीनों ही टेस्ट मैच बिना किसी नजीते के खत्म हुए। ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान थे एलन बॉर्डर।

छठा दौरा (1991-92)

मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुआई वाली भारतीय टीम को इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा। पांच टेस्ट मैचों की ये सीरीज भारत 4-0 से हार गया। एक मैच ड्रॉ रहा था।

सातवां दौरा (1999-2000)

स्टीव वॉ की ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस बार सचिन की अगुआई वाली भारतीय टीम को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-0 से हरा दिया।

आठवां दौरा (2003-04)

इस बार ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारतीय टीम के कप्तान थे सौरभ गांगुली। चार टेस्ट मैचों की इस सीरीज में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक-एक मैच जीते। दो मैच ड्रॉ रहे। ये टेस्ट सीरीज भी ड्रॉ रहा।

नौवां दौरा ( 2007-08)

इस दौरे पर दोनों देशों के बीच चार टेस्ट मैच खेले गए। इनमें से ऑस्ट्रेलिया ने दो मैच जीते जबकि भारत ने मैच में जीत हासिल की। एक मैच ड्रॉ रहा मगर अनिल कुंबले की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने ये टेस्ट सीरीज 2-1 से गवां दिया।

दसवां दौरा (2012-13)

धौनी की अगुआई वाली ये टीम बेहद मजबूत थी मगर माइकल क्लार्क के धुरंधरों ने धौनी सेना की एक नहीं चलने दी और चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत को 4-0 से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी।

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