मान्य स्तर से ज्यादा नमक खाते हैं भारतीय
जार्ज संस्थान की ओर से किए गए अध्ययन में कहा गया है कि 19 वर्ष से अधिक उम्र के लोग रोजाना 10.98 ग्राम नमक खाते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र । भारतीय अपने खाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय की गई मात्रा का दोगुना नमक लेते हैं। ज्यादा नमक खाने से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है और समय से पहले मौत होने लगी है।
जार्ज संस्थान की ओर से किए गए अध्ययन में कहा गया है कि 19 वर्ष से अधिक उम्र के लोग रोजाना 10.98 ग्राम नमक खाते हैं। डब्ल्यूएचओ ने रोजाना पांच ग्राम नमक के सेवन को ही उचित माना है। अध्ययन में कहा गया है कि देश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्से के लोग नमक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। त्रिपुरा में लोग रोजाना 14 ग्राम नमक खाते हैं। यह डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मात्रा का तीन गुना है।
अध्ययन करने वाले दल के प्रमुख क्लेरे जान्सन ने कहा, 'पिछले 30 वर्षो के दौरान खानपान में बदलाव आया है। लोगों ने दाल, फल और सब्जियां खाना कम कर दिया है और प्रसंस्कृत और फास्ट फूड ज्यादा ले रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि उनका भोजन अब नमक, शर्करा (चीनी) और नुकसानदेह वसा से भरा है। इस तरह के खाने से उच्च रक्तचाप, मोटापा और हर्ट अटैक एवं दिल का दौरा में तेजी आ गई है।'
नमक बढ़ाता है रक्तचाप
उच्च रक्तचाप में नमक सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। रक्तचाप बढ़ने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। देश में हर साल करीब 23 लाख लोग हृदय रोग के कारण मौत के शिकार होते हैं।